टीम से पहुंचकर रोका बाल विवाह, 21 के बाद ही गठबंधन का निर्णय

बालिका वधू बनने से बची टीम से पहुंचकर रोका बाल विवाह, 21 के बाद ही गठबंधन का निर्णय

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-30 08:58 GMT
टीम से पहुंचकर रोका बाल विवाह, 21 के बाद ही गठबंधन का निर्णय

 डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। जिले के एक ग्राम में मासूम बालिका वधू बनने से बच गई।जिला प्रशासन की सजगता से यह संभव हो सका।  जिला मुख्यालय से महज 15 किमी दूरी पर स्थित ग्राम पोर्ला में बुधवार को एक बाल विवाह होने की जानकारी मिलते ही जिला बाल सुरक्षा विभाग और चाइल्ड लाइन की टीम ने विवाह स्थल पहुंचकर शीघ्र कार्रवाई करते हुए बाल विवाह को रोक दिया। इस समय प्रशासन की टीम ने बालिका के पिता से बेटी की उम्र 21 पूर्ण होने तक विवाह नहीं कराने का शपथ पत्र लिखवाकर लिया। साथ ही टीम के अधिकारियों ने दोनों परिवारों के सदस्यों के साथ वधू व वर का समुपदेश भी किया।  बुधवार को पोर्ला गांव निवासी 17 वर्षीय बालिका का विवाह होने की जानकारी जिला बाल सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को मिली। जानकारी के मिलते ही अधिकारी चाइल्ड लाइन टीम के कार्यकर्ताओं के साथ पोर्ला स्थित वैवाहिक मंडप में पहुंचे। इस समय विवाह की सारी विधियां शुरू थी। इस समय वर पक्ष की ओर से जलगांव जिले के भुसावल तहसील के आसगांव के व्यक्ति यहां मौजूद थे।

अधिकारियों ने वधू की उम्र के संदर्भ में जानकारी मांगी तो वधू की आयु 17 वर्ष 4 माह पायी गयी।  अधिकारियों ने इस बाल विवाह को रोक दिया। यह कार्रवाई जिला महिला व बाल विकास अधिकारी प्रकाश भांदककर के मार्गदर्शन में जिला बाल सुरक्षा अधिकारी अविनाश गुरनुले, सुरक्षा अधिकारी कवेश्वर लेनगुरे, प्रियंका आसुटकर, जयंत जथाडे, क्षेत्र कार्यकर्ता रवींद्र बंडावार, चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक दिनेश बोरकुटे, सदस्य तृप्ति पाल, वैशाली दुर्गे, सुनिता पिंपलशेट्टीवार, गड़चिरोली पुलिस थाना की सहायक पुलिस निरीक्षक पूनम गोरे आदि ने की।  इस दौरान बालिका की आयु जांचने के कार्य में प्राथमिक शिक्षाधिकारी निकम ने अहम सहयोग दिया। बाल विवाह गैरकानूनी होकर हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने लड़कियों के विवाह के लिए 21 वर्ष आयु सीमा तय की है। इस तरह के विवाह यदि हो रहे हो तो इसकी सूचना देने की अपील भी जिला बाल सुरक्षा विभाग की टीम ने की है। 

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