बार-बार टल रहा मंत्रिमंडल विस्तार , नेता हो रहे निराश

बार-बार टल रहा मंत्रिमंडल विस्तार , नेता हो रहे निराश

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-12 08:08 GMT
बार-बार टल रहा मंत्रिमंडल विस्तार , नेता हो रहे निराश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार का मामला बार-बार टलने से नेताओं में भी इसे लेकर कोई दिलचस्पी नहीं रह गई है।  मुख्यमंत्री देेवेंद्र फडणवीस व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रावसाहब दानवे मंत्रिमंडल विस्तार का बयान दोहराते रहे हैं। अब भी दोनों का कहना है कि, अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, लेकिन बार-बार निराशा मिलने के कारण मंत्री बनने के इच्छुक नेताओं में अब इस मामले को लेकर हलचल नहीं है। गौरतलब है कि, मुख्यमंत्री फडणवीस ने इसी सप्ताह मुंबई में कहा था कि, मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। दाे दिन पहले नागपुर में भी उन्होंने यही कहा। उन्होंने यह भी कहा कि, मुंबई में होने वाले विधानमंडल के शीत सत्र के पहले विस्तार कर दिया जाएगा। शीत सत्र 7 दिसंबर से आरंभ होने वाला है। इस पूरे मामले पर भाजपा के ही एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि, मंत्रिमंडल विस्तार के मामले को लेकर पहले जैसी उत्सुकता नहीं है। दरअसल तीसरे विस्तार के बाद से ही चर्चाएं सुनी जाती रही हैं कि, मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी चर्चाओं को नकारते नहीं है, लेकिन विस्तार का मामला अागे नहीं बढ़ पा रहा है। 

स्क्रिप्ट तैयार थी, पर वैसा नहीं हो पाया
यहां तक कि, कांग्रेस छोड़ भाजपा के सहयोगी बने पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को मंत्रिमंडल में शामिल करने की घाेषणा पर भी पानी फिर गया। राणे को मंत्री के बजाय  राज्यसभा की सीट मिली। कृषिमंत्री पद पर रहते हुए पांडुरंग फुंडकर की मृत्यु के बाद भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन की चर्चा थी। वह भी सही नहीं निकली। एक साल पहले नागपुर में विधानमंडल के शीतसत्र के दौरान तो मंत्रिमंडल विस्तार की स्क्रिप्ट लगभग तैयार हो गई थी। फडणवीस व दानवे ने कहा भी था कि, शीतसत्र के पहले नए मंत्री भी दिखेंगे, लेकिन वैसा नहीं हो पाया। 

सभी को आस
भाजपा नेता के अनुसार 28 नवंबर 2017 को मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की थी, लेकिन िशवसेना के तेवर ऐसे बदले की विस्तार रोकना पड़ा। बाद में यह तय हुआ था कि, 25 दिसंबर 2017 को अटलबिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर मंत्रीपद की सौगात राज्य में बंटेगी, लेकिन वह समय भी नहीं आ पाया। मंत्री बनाने व हटाने के मामले में मंत्री प्रकाश मेहता, राजकुमार बडोले, विद्या ठाकुर, अंबरीश आत्राम का नाम चर्चा में रहा है। इन मंत्रियों के  अलावा अन्य कुछ मंत्रियों को भी इधर-उधर किया सकता है। मुंबई भाजपा के अध्यक्ष आशीष शेलार, चैनसुख संचेती के अलावा अन्य काे मंत्री बनाने की चर्चा चलती रहती है। उधर भाजपा की सहयोगी आरपीआई आठवले के अलावा अन्य संगठन भी एक-दो पद पाने की जुगत में हैं। सब अास पर हैं।

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