मेनका गांधी की भावना को समझना होगा, वह एक्टिविस्ट रहीं हैं : सीएम फडणवीस
मेनका गांधी की भावना को समझना होगा, वह एक्टिविस्ट रहीं हैं : सीएम फडणवीस
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अवनी बाघिन शिकार मामले में केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और राज्य के वनमंत्री सुधीर मुनगंटीवार के बीच चल रहे विवाद के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कभी-कभी कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेना होता है। राज्य सरकार बाघ के संवर्धन को लेकर गंभीर है। सरकार बाघ को मारना नहीं चाहती है, लेकिन इंसानों की जान बचाने के लिए सख्त निर्णय लेने पड़ते है। मेनका गांधी एक एक्टिविस्ट रहीं हैं। उनकी भावना को समझना होगा। वन्यजीवों को लेकर वे मुझे भी कई बार कह चुकी हैं। केंद्र और राज्य में बराबर समन्वय की स्थिति है।
शनिवार को मुख्यमंत्री के शासकीय निवासस्थान रामगिरी पर वे पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। यवतमाल में ही मेनका गांधी के आध्यात्मिक गुरु प्रेमासाई को लेकर भाजपा में छिड़ी जंग पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि वे प्रेमा साईं को जानते नहीं है। मेनका गांधी अनेक सालों से भाजपा में है। अनेक बार उनसे मुलाकात हुई, लेकिन उन्होंने कभी प्रेमासाईं का उल्लेख बातचीत में नहीं किया।
सेना के साथ हमारा एक तरफा प्रेम नहीं है।
भाजपा-सेना में चले मतभेद को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शिवसेना के साथ युति करना चाहते हैं। अगर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की दशहरा रैली के भाषण को आपने ठीक से सुना होगा तो काफी कुछ समझ सकते हैं। यह हमारा एक तरफा प्रेम नहीं है। इतना है कि हमारा दिखाई देता है तो उनका नहीं। असुद्दीन ओवेसी और प्रकाश आंबेडकर के गठबंधन का फायदा भाजपा को होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी उनसे कोई चर्चा नहीं हुई है। इतिहास रहा है कि आंबेडकर ने हमसे कभी युति नहीं की है। बाकी जो नहीं करने की बात करते हैं उन सब ने हमसे युति की है। एमआईएम से युति का सवाल ही पैदा नहीं होता।
सिंचाई घोटाले की जांच में गति
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सिंचाई घोटाले की जांच में गति आई है। कोर्ट में 15 चार्जशीट दायर की है। पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर जल्द कार्रवाई करने की प्रदेशाध्यक्ष रावसाहब दानवे के बयान पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पार्टी इस बाबत सार्वजनिक रूप से बोल सकती है। सरकार नहीं। आघाडी सरकार के 15 साल और युति सरकार के 4 साल का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जितना काम 15 साल में नहीं हुआ, हमने 4 साल में कर दिखाया है। इसका एक ड्राफ्ट भी तैयार किया गया है। शीतसत्र के पहले मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत देते हुए कहा कि फडणवीस ने कहा कि अधिवेशन से पहले बदलाव होगा। गोसीखुर्द परियोजना के बड़े काम अगले एक साल में पूरे किए जाएंगे। आगे छोटे-मोटे काम जारी रहेंगे।