पीएम फसल बीमा योजना की जगह नीतीश सरकार ने शुरू की ‘फसल सहायता योजना’ 

पीएम फसल बीमा योजना की जगह नीतीश सरकार ने शुरू की ‘फसल सहायता योजना’ 

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-06 09:28 GMT
पीएम फसल बीमा योजना की जगह नीतीश सरकार ने शुरू की ‘फसल सहायता योजना’ 

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार की नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खारिज करते हुए एक नई योजना की शुरुआत की है। मंगलवार की शाम बिहार कैबिनेट ने राज्य के किसानों को फसल नुकसान से राहत देने के लिए ‘बिहार राज्य फसल सहायता योजना’ को मंजूरी दी है। सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव अतुल प्रसाद ने बताया कि ये योजना पीएम फसल बीमा योजना की जगह आई है। यह खरीफ फसलों के समय में 2018 से लागू किया जाएगा। उन्होंने किसानों को यह साफ कर दिया है कि ये बीमा योजना नहीं बल्कि आर्थिक सहायता योजना है।

 

पीएम फसल बीमा योजना की जगह  बिहार फसल सहायता योजना

प्रमुख सचिव अतुल प्रसाद ने बताया पूर्व में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का फायदा केवल कुछ ही ऋणी किसानों को मिल पाता था। उन्होंने बताया 2016 के आंकड़ों के मुताबिक पीएम फसल बीमा योजना के तहत राज्य सरकार की प्रीमियम राशि 495 करोड़ थी, जबकि किसानों को मिलने वाली राहत राशि सिर्फ 221 करोड़ रही। इसी कारण से राज्य के सभी वर्ग के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए "बिहार राज्य फसल सहायता योजना" की शुरुआत की गई है।

 

फसल नुकसान पर राहत देने के लिए योजना शुरू करने वाला बिहार पहला राज्य

अतुल प्रसाद ने जानकारी दी कि किसानों को फसल नुकसान पर राहत देने के लिए ऐसी योजना की शुरुआत करने वाला बिहार पहला राज्य बन गया है। राज्य सरकार की इस नई योजना के लागू होने के बाद प्रदेश में किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए पहले से चल रहे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और अन्य सभी प्रकार की बीमा योजनाएं बंद हो जाएगी।

 

पीएम फसल बीमा योजना का ज्यादा लाभ बीमा कंपनियों को मिला

इस योजना के तहत जो भी किसान पंजीकृत रहेंगे उन्हें प्रीमियम जमा नहीं करना होगा बल्कि प्राकृतिक कारणों की वजह से फसलों को हुए नुकसान का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि पहले की फसल बीमा योजनाओ में किसानों से ज्यादा बीमा कंपनियों को लाभ मिलता था। अतुल प्रसाद ने बताया कि राज्य सरकार को बीमा योजना के तहत वो राशि भी नहीं मिली है, जिसे फसलों के बीमा के लिए प्रीमियम राशि (495 करोड़) के तौर पर जमा किया गया था।

 

जानिए नई योजना के बारे में-

  • किसानों को कोई प्रीमियम राशि, रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं देना होगा।
  • किसी भी वसुधा केन्द्र, इंटरनेट कैफे या फिर घर से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।इसके तहत रैयती और गैररैयती किसान आते हैं। 
  • रैयती किसानों को लैंड पॉजिशन सर्टिफिकेट देना होगा।
  • गैररैयती किसानों को वार्ड मेंबर से साइन करवाना होगा। 
  • आवासीय प्रमाण पत्र, फोटो पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक जैसे डॉक्यूमेंट जरूरी होंगे।
  • किसानों को सहायता राशि फसल कटनी के आधार पर खरीफ के लिए मार्च-अप्रैल और रबी के लिए सितंबर के अंत तक भुगतान किया जायेगा।
  • यह भुगतान ऑनलाइन उनके बैंक खातों में होगा।

 

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