MH: 151 तहसीलें सूखाग्रस्त, मराठवाड़ा के जलाशयों में सिर्फ 0.66 प्रतिशत जल... केंद्र से गुहार

MH: 151 तहसीलें सूखाग्रस्त, मराठवाड़ा के जलाशयों में सिर्फ 0.66 प्रतिशत जल... केंद्र से गुहार

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-15 13:59 GMT
MH: 151 तहसीलें सूखाग्रस्त, मराठवाड़ा के जलाशयों में सिर्फ 0.66 प्रतिशत जल... केंद्र से गुहार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने अकाल की स्थिति से निपटने के लिए केन्द्र सरकार से पर्याप्त मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि पानी की समस्या दूर करने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि बारिश की कमी के चलते राज्य के 151 तहसील सूखाग्रस्त घोषित किए जा चुके हैं। महाराष्ट्र के जलाशयों में मात्र 7.5 प्रतिशत ही जल बचा है। मराठवाड़ा की स्थिति तो और भयावह है। यहां के जलाशयों में सिर्फ 0.66 प्रतिशत जल ही शेष है।

सूख चुके हैं राज्य के 23 बड़े बांध  
मुख्यमंत्री शनिवार को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की शासी परिषद की पांचवीं बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में अकाल की भयावहता का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि राज्य के 23 बड़े बांध पूरी तरह सूख चुके हैं। सूखे की इस भीषण मार से बचने के लिए इजरायल की तकनीकी पर 11 मुख्य जलाशयों को एक दूसरे से जोड़ने की योजना पर काम हो रहा है। उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा वाटर ग्रिड नामक इस योजना से पूरे मराठवाड़ा को बड़ी राहत मिलेगी।

फडणवीस ने बताया कि अकालमुक्त महाराष्ट्र की संकल्पना साकार करने में प्रदेश सरकार जुटी हुई है। इसके तहत जलयुक्त शिवार योजना के तहत पांच वर्षों में 25 हजार गांवों को अकाल मुक्त करने का काम हो रहा है तो ‘रेन वाटर हार्वेस्टिंग’, ‘गालमुक्त धरण-गालयुक्त शिवार’ और ‘मागेल त्याला शेततले’ जैसी योजनाएं भी चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हमारी सरकार ने अधूरे पड़े 26 प्रकल्पों को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इससे हमारी सिंचाई क्षमता 5.56 लाख हेक्टेयर बढ़ जाएगी। फडणवीस ने कहा कि 151 सूखाग्रस्त घोषित तहसीलों में जलापूर्ति योजना लागू करने के लिए केन्द्र से 4,562 करोड़ रुपए मिले हैं। यह राशि 66.88 लाख प्रभावित किसानों में वितरित की जा चुकी है।

नक्सलियों से निपटने सक्षम है पुलिस बल  
बैठक में मुख्यमंत्री ने नक्सलवाद का मसला भी उठाया और कहा कि गड़चिरोली और गाेंदिया में इस समस्या से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पुलिस बल को आधुनिक हथियारों से लैस किया गया है। स्पेशल एक्शन ग्रुप के 300 अधिकारी व जवान इन दो जिलों में तैनात हैं। वर्ष 2018 में पुलिस की मुस्तैदी के चलते 50 नक्सलियों का खात्मा किया जा चुका है।

आकांक्षी जिलों पर है सरकार का विशेष फोकस  
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के चार आकांक्षात्मक जिलों नंदूरबार, उस्मानाबाद, वाशिम और गड़चिरोली को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए वर्ष 2018-19 और 2019-20 के दौरान क्रमश: 121 व 151 करोड़ रूपये मुहैया कराए गए हैं। यूनिसेफ के साथ मिलकर भी इन चार जिलों में विकास के कई कार्य किए जा रहे हैं। 

आवश्यक वस्तु अधिनियम है समय की मांग
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैसे तो आवश्यक वस्तु अधिनियम कई बार बाजार को बिगाड़ने का काम करता है। लेकिन हमारा मानना है कि जब तक बड़े पैमाने पर बाजार में सुधार की उपाय योजना शुरू नहीं होती, तब तक तमाम बुराइयों के बावजूद ग्राहकों को उचित मूल्य दिलाने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम जैसा कानून लागू रहना चाहिए। 

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