CM शिवराज का चुनावी दांव, MP में गौ मंत्रालय बनाने का ऐलान

CM शिवराज का चुनावी दांव, MP में गौ मंत्रालय बनाने का ऐलान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-30 11:54 GMT
CM शिवराज का चुनावी दांव, MP में गौ मंत्रालय बनाने का ऐलान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में जहां बीजेपी दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए तमाम तरह की घोषणाएं कर रही है तो वहीं कांग्रेस भी जनता के बीच जाकर अपना चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने में जुटी है। इस बीच रविवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी दांव खेलते हुए गौ-मंत्रालय बनाने का ऐलान किया है। सागर और खजुराहो में आयोजित दो अलग-अलग कार्यक्रमों में सीएम ने इसका ऐलान किया।

खजुराहों में जीव-दया सम्मान समारोह में शिवराज सिंह चौहान ने गौ मंत्रालय का ऐलान करते हुए कहा कि प्रदेश में गोरक्षा बोर्ड का गठन हुआ है और मेरे मन में यह भी आया है कि हम क्यों ना इसे पूरा मंत्रालय ही बना दें। यह कार्यक्रम आचार्य मुनिवर विद्यासागर जी महाराज और मुनि संघ के सान्निध्य में आयोजित किया गया था। वहीं सागर जिले में एक सभा को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, अब गायों के लिए बोर्ड नहीं सीधा मंत्रालय बनेगा। उन्होंने कहा गौ मंत्रालय बनाकर गौमाता और गौवंशों का कल्याण किया जाएगा। इसके लिए उन्होंने समाज से सहयोग भी मांगा।

शिवराज सिंह का ये बयान कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के उस बयान का जवाब माना जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो फिर हर पंचायत में गौशाला बनाई जाएगी। इस दौरान कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी गोमाता को लेकर बड़ी बड़ी बाते करती है, लेकिन करती कुछ भी नहीं।

इससे पहले प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा पाने वाले आध्यात्मिक गुरु अखिलेश्वरानंद गिरि ने गौ मंत्रालय बनाने की मांग उठाई थी। अखिलेश्वरंद ने कहा था कि गायों की रक्षा के लिए एक नया "गौ मंत्रालय" बनाया जाना चाहिए। गौ मंत्रालय रोजगार पैदा करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा था कि गाय की हत्या के खिलाफ पहले से ही राज्य और केंद्रीय कानून हैं। "पशुपालन विभाग के तहत उन्हें पशु की संज्ञा क्यों दी जानी चाहिए? यह निर्णय भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा होगी।"

गिरि ने कहा था सांसदों को "पवित्र गाय की रक्षा के लिए पहल करनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "अगर आनंद मंत्रालय (खुशी विभाग) हो सकता है, तो एक गौ मंत्रालय क्यों नहीं? हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि इस कदम को राजनीतिक माना जा सकता है, लेकिन यह रोजगार के अवसर भी देगा क्योंकि गायों की रक्षा और पोषण के लिए कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। 

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