नैक मूल्यांकन से बच रहे कॉलेज, बगैर नैक मूल्यांकन के चल रहे 373 कॉलेज

नैक मूल्यांकन से बच रहे कॉलेज, बगैर नैक मूल्यांकन के चल रहे 373 कॉलेज

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-17 06:25 GMT
नैक मूल्यांकन से बच रहे कॉलेज, बगैर नैक मूल्यांकन के चल रहे 373 कॉलेज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर जोर देने का दावा करने वाले राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर  यूनिवर्सिटी से संलग्नित 75 फीसदी कॉलेजों के पास नैक का मूल्यांकन नहीं है, जबकि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए यूजीसी समेत राज्य उच्च शिक्षा विभाग लगातार मूल्यांकन पर जोर दे रहा है। नागपुर विवि से संलग्नित कॉलेजों की स्थिति देखें तो  यूनिवर्सिटी से संलग्नित 503 काॅलेजों में से सिर्फ 130 कॉलेजों का नैक मूल्यांकन हुआ है।

शेष 373 कॉलेज बगैर नैक मूल्यांकन के संचालित हो रहे हैं। ऐसे में गुणवत्ता के मापदंडों में 75 फीसदी कॉलेजों का कुछ अता-पता नहीं है। बता दें कि नैक कुल 7 मापदंडों पर कॉलेजों का मूल्यांकन कर उन्हें ग्रेड प्रदान करता है। इसमें शैक्षणिक पहलू, टीचिंग लर्निंग इवैल्यूएशन, रिसर्च एंड इनोवेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्टूडेंट सपोर्ट, गवर्नेंस और लीडरशिप मैनेजमेंट और संस्थान के नैतिक तत्वों का समावेश होता है।

नैक के फायदे
नैक के मूल्यांकन के बाद ही किसी भी कॉलेज को परिपूर्ण समझा जाता है। नैक के दर्जे के आधार पर ही यूजीसी और रूसा संस्थान को निधि जारी करते हैं। नैक मूल्यांकन के ऐसे कई फायदे होते हैं, जो विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होते हैं। नैक की कुछ अनिवार्य शर्तें होती हैं, जिसमें कॉलेज में नियमित शिक्षकों की नियुक्ति, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, विद्यार्थियों से मिलने वाले फीडबैक जैसे पहलू शामिल होते हैं। सरकार द्वारा अनुदानित कॉलेजों के लिए तो नैक मूल्यांकन एक हद तक आसान होता है, लेकिन गैर अनुदानित कॉलेज मापदंडों पर खरा उतरने लायक सुविधाएं विद्यार्थियों को नहीं दे पाते है। अक्टूबर 2017 में राज्य सरकार ने भी एक जीआर जारी कर कॉलेजों को अनिवार्य रूप से नैक मूल्यांकन कराने के निर्देश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर छात्रवृत्ति रोकने की चेतावनी भी दी थी। फिर भी कॉलेज नैक के प्रति रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

नियमित रूप से कार्रवाई होती है
कॉलेजों का नैक मूल्यांकन शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जरूरी है। हमारे अधिकार क्षेत्र में आने वाले ऐसे कॉलेज, जिनका नैक मूल्यांकन नहीं है, उन्हें हम समय-समय पर नैक मूल्यांकन के निर्देश देते हैं। इसके बावजूद कई बार अपने स्तर पर कड़ी कार्रवाई भी करते हैं। 
- डॉ. महेश कुमार सालुंखे, उच्च शिक्षा सहसंचालक, नागपुर विभाग

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