चंद्रपुर, गड़चिरोली और कुरखेड़ा में भी नागपुर करार का दहन 

पृथक विदर्भ की मांग चंद्रपुर, गड़चिरोली और कुरखेड़ा में भी नागपुर करार का दहन 

Anita Peddulwar
Update: 2022-09-29 08:40 GMT
चंद्रपुर, गड़चिरोली और कुरखेड़ा में भी नागपुर करार का दहन 

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली।  महाराष्ट्र से विभक्त कर पृथक विदर्भ राज्य का निर्माण करने की मांग को लेकर बुधवार को गड़चिरोली जिला मुख्यालय समेत कुरखेड़ा में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के कार्यकर्ताओं ने आंदोलन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नागपुर करार का दहन किया। इस समय कार्यकर्ताओं ने केंद्र व राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। 

गड़चिरोली. पृथक विदर्भ राज्य की मांग को लेकर बुधवार को गड़चिरोली शहर के इंदिरा गांधी चौक में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने नागपुर करार की होली जलायी। इस समय कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए एक बार फिर पृथक विदर्भ की मांग की ओर सरकार और प्रशासन का ध्यानाकर्षण किया। आंदोलन में विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के जिला समन्वयक अरूण मुनघाटे, शहर अध्यक्ष रमेश भुरसे, रूमाजी भांडेकर, दादाजी चापले, दत्तात्रय पाचभाई, महासचिव गोवर्धन चव्हाण, अमिता मडावी, विजय शेडमाके, चंद्रशेखर जक्कनवार, दिवाकर पिपरे, केशवराव भडांगे समेत अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। 

चंद्रपुर में विदर्भ वादियों ने "नागपुर करार" की जलाई होली
 नागपुर करार के जरिए विदर्भ से धोखाधड़ी होने का आरोप लगाते हुए विदर्भवादियों ने नागपुर करार का निषेध करते हुए 28 सितंबर को चंद्रपुर जिले के चंद्रपुर, राजुरा, कोरपना, भद्रावती, गोंडपिपरी, गडचांदुर, जिवती, चिमूर आदि स्थानों पर जोरदार नारेबाजी करते हुए विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के कार्यकर्ताओं ने नागपुर करार की होली जलाई। चंद्रपुर में जेटपुरा गेट के महात्मा गांधी पुतले के सामने आंदोलन किया गया। आंदोलन का नेतृत्व विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप, जिलाध्यक्ष किशोर दहेकर, नथमल सोनी, अंकुश वाघमारे, आदिनाथ उके, ईश्वर चहारे, मुरेकर, पुंडलिक गोठे, अनिल दिकोंडवार, माकोडे, रवींद्र तीराणिक, चांदेकर आदि ने किया। राजुरा के संविधान चौक के नागपुर करार की होली जलाई। इस समय वरिष्ठ नेता एड. मुरलीधर देवालकर, कपिल इद्दे, दिनकर डोहे, शेषराव बोंडे, प्रभाकर ढवस, विनोद बारशिंगे, रमेश नलेे, मधुकर चिंचोलकर, उत्पल गोरे, वैभव अडवे, सारंग रामगिरवार, गजानन पहानपटे, बलीराम खुजे, भाऊजी कंनाके, बंडू कोडापे, विठ्ठल पाल, मनोज गोरे ,विलास कोदिरपाल आदि उपस्थित थे। 

कोरपना में अरुण नवले, रमाकांत मालेकर, एड.श्रीनिवास मुसलेे, पद्माकर मोहितकर, अविनाश मुसलेे, बंडू राजुरकर, संजय येरमे, सत्यवान आत्राम, गोंडपिपरी में अरुण वासलवार, नीलकंठ गौरकार, एड.सुर,एड.प्रफुल्ल आस्वले, रवींद्र हेपट, आनंद खर्डीकर,भारत खामनकर, भद्रावती में सुधीर सातपुते, सचिन सरपटवार,राजू बोरकर, गडचांदूर में जि. प. पूर्व सभापति नीलकंठ कोरांगे, संतोष पटकोटवार, प्रवीण गुंडावार, रवींद्र गोखरे, मदन सातपुते, रमेश चांदेकर, गौरकार गुरुजी, जिवती में सुदाम राठोड, विनोद पवार, शब्बीर जागिरदार के नेतृत्व में आंदोलन किया गया। एड.चटप ने कहा कि, नागपुर करार के कारण ही धोखा हुआ है। 

नेताओं की उदासीनता से नहीं हुआ पृथक विदर्भ : विदर्भ राज्य की मांग पिछले अनेक वर्षों से है। राज्य में कांग्रेस, भाजपा, राकांपा, शिवसेना की सरकार आयी परंतु सरकार व नेताओं की उदासीनता से विदर्भ राज्य महाराष्ट्र राज्य से अलग नहीं हो पाया। ऐसे आरोप लगाते हुए विदर्भ आंदोलन समिति ने चिमूर तहसील कार्यालय प्रशासकीय भवन के सामने बुधवार को नागपुर करार की होली जलाई। मोर्चा का नेतृत्व डा. रमेशकुमार गजबे ने किया। इस समय वंचित बहजुन आघाडी महीला जिलाध्यक्ष कविता गौरकर, विदर्भ राज्य आंदोलन तहसील अध्यक्ष प्रशांत डवले, विदर्भ राज्य तहसील महिला अध्यक्ष प्रीति दिडमुठे, विदर्भ कमेटी चिमूर सदस्य शुभम मंडपे, बाबूराव दिघोरे, काशीनाथ वाकडे, नंदकीशोर अंबादे, सरपंच वंदना ढोने, स्नेहदीप खोब्रागडे, बालासाहेब बंसोड, दिवाकर दाभेकर, रवि ढोणे, आशीष गजभे, धनराज डवले,पंकज गायकवाड आदि  उपस्थित थे।  


  

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