गड़चिरोली में शुरू होगा कमांड सेंटर, मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

सरकारी निर्णय गड़चिरोली में शुरू होगा कमांड सेंटर, मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा

Anita Peddulwar
Update: 2022-11-19 09:18 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प के माध्यम से आरंभ की गयी सरकारी व अनुदानित आश्रमशालाओं में शिक्षारत आदिवासी विद्यार्थियों का स्वास्थ्य सुदृढ़ बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इस निर्णय के तहत अब आदिवासी विद्यार्थियों को 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने कमांड सेंटर की स्थापना को मंजूरी प्रदान की गयी है। योजना के तहत हैदराबाद की अमेला लाइफ लिमिटेड नामक कंपनी गड़चिरोली की आश्रमशालाओं में पहुंचकर विशेषज्ञ डाक्टरों की मदद से विद्यार्थियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएगी। 

बता दें कि, इसके पूर्व तेलंगाना राज्य में इस प्रकार का उपक्रम आरंभ किया गया था, जो सफल रूप से आज भी कार्य कर रहा है। चूंकि महाराष्ट्र प्रदेश में सर्वाधिक आदिवासी बच्चों की आश्रमशालाएं गड़चिरोली जिले में कार्यरत हैं, यहां पर भी कमांड सेंटर के माध्यम से चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय आदिवासी विकास मंत्रालय ने लिया है। जिले के गड़चिरोली, अहेरी व भामरागढ़ के एकात्मिक आदिवासी विकास प्रकल्प के तहत 42 सरकारी व 48 अनुदानित आश्रमशालाएं कार्यरत है। बारिश के दिनों में मलेरिया व अन्य बीमारियों के कारण अनेक छात्रों की मृत्यु होने की घटना इन आश्रमशालाओं में उजागर हुई थी। ग्रामीण इलाकों में निर्माण किये गये अस्पतालों में डाक्टरों व कर्मचारियों की कमी के कारण विद्यार्थियों पर समय पर इलाज नहीं हो पाता। फलस्वरूप कई बार विद्यार्थियों की हालत गंभीर हो जाती है। इसी समस्या से निपटने सप्ताह के सातों दिन और चौबीसों घंटे विद्यार्थियों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इस कार्य के लिए आदिवासी विकास विभाग ने समूचे प्रदेश के लिए 11 करोड़ 22 लाख रुपए की निधि भी मंजूर की है। अमेला लाइफ लिमिटेड नामक कंपनी के अधिकारी अब गड़चिरोली पहुंचकर आश्रमशालाओं की समीक्षा करते हुए उपक्रम के तहत डाक्टरों व कर्मचारियों की नियुक्तियां कर विद्यार्थियों की चिकित्सा करेंगे। उपक्रम के तहत आश्रमशालाओं में प्रति माह सभी विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच करायी जाएगी। वहीं अति गंभीर विद्यार्थियों पर टेली मेडिसिन के माध्यम से उपचार भी किया जाएगा।

 

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