मोबाइल टॉवर रेडिएशन की दूरसंचार विभाग ने की जांच

मोबाइल टॉवर रेडिएशन की दूरसंचार विभाग ने की जांच

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-05 06:08 GMT
मोबाइल टॉवर रेडिएशन की दूरसंचार विभाग ने की जांच

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोगों में मोबाइल टॉवर से निकलने वाले रेडिएशन के प्रति जागरूकता के साथ इस संबंध में  मिल रही शिकायतों को  गंभीरता से लेते हुए दूरसंचार विभाग ने अब इन शिकायतों की जांच करना शुरू कर दिया है। केवल नागपुर में कई क्षेत्रों से अधिक शिकायतें आई हैं। जिसके कारण खामला, बर्डी, टेलीफोन एक्सचेंज, सीटीओ बिल्डिंग आदि क्षेत्रों में रेडिएशन की जांच हुई। शुरुआत में यह जांच फ्री की गई, लेकिन शिकायतों की बढ़ती संख्या के कारण अब इसकी जांच के लिए 4000 रुपए की सरकार ने फीस तय की है। आप घर बैठे संचार विभाग के वेबसाइट पर शिकायत करिए, विभाग इसकी जांच के लिए पहुंच जाएगा। 

घर बैठे कर सकते हैं शिकायत
अगर आपको भी लगता है कि आपके आसपास लगा मोबाइल टॉवर तय सीमा से अधिक रेडिएशन उत्सर्जित कर रहा है तो आप इसकी वास्तविक जांच भारत सरकार दूरसंचार विभाग के पोर्टल https://tarangsanchar.gov.in/EMF Portal पर कर सकते हैं। पोर्टल पर यह सुविधा भी उपलब्ध है कि आप संबंधित टॉवर के बारे में अतिरिक्त जानकारी चाहते हैं तो वह आपके ई-मेल पर पहुंच जाती है। इसके बाद भी आपको लगता है कि टॉवर के रेडिएशन की जांच होना चाहिए तो इसके लिए 4000 रुपए खर्च करना पड़ेंगे।

भारत में दस गुना कम हैं मानक
इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन आयोनाइजिंग रेडिएशन प्रोटेक्शन (आईसीएनआईआरपी), वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) ने ईएमएफ रेडिएशन के लिए जो मानक तय किए हैं, डीओटी ने भारत में इसके 10 गुना कम मानक तय किए हैं।

जानकारी के लिए यह प्रक्रिया अपनाएं

  • https://tarangsanchar.gov.in/EMF Portal पर अपना नाम, लोकेशन, ई-मेल व मोबाइल नंबर फीड करने पर एक ओटीपी आता है।
  • इसके बाद आपकी लोकेशन के सभी टॉवर मैप पर दिखते हैं।
  • पोर्टल पर टॉवर तीन श्रेणियों में बंटे हैं पहला ग्राउंड बेस्ड दूसरा रूफ टॉप और तीसरा वॉल माउंटेड।
  • लोकेशन बदलकर अन्य जगहों के टॉवर की जानकारी भी ले सकते हैं।
  • एक व्यक्ति एक दिन में अधिकतम दस साइट की जानकारी ले सकता है।

दावा- 25000 से ज्यादा रिसर्च
मोबाइल सिग्नल नॉन आयोनाइजिंग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड है। टीवी, रेडियो और सूरज की रोशनी इसी तरह के रेडिएशन हैं।  एक्स-रे आयोनाइजिंग रेडिएशन शरीर के लिए हानिकारक है। डब्ल्यूएचओ ने 25000 से ज्यादा रिसर्च के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। 

लोगों तक जानकारी नहीं पहुंची... कहीं षड्यंत्र तो नहीं
केंद्र सरकार की रेडिएशन जांच की योजना को करीब चार माह से अधिक हो गए हैं। यह लोगों के लिए काफी फायदेमंद हैं, लेकिन इसकी जानकारी अधिकांश लोगों को नहीं है। कुछ लोग इसे मोबाइल टॉवर कंपनियों का षड्यंत्र मान रहे हैं, हालांकि  इस पर विभाग का कहना है कि वे चाहते हैं कि लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचे, मगर विभाग केे पास इस संबंध में विज्ञापन देने के लिए अलग से फंड नहीं है।

शिकायतों के कारण उठाया कदम
मोबाइल टॉवर से रेडिएशन के कारण लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं। जागरूकता के चलते अब लोगों के मन में इसको लेकर कई तरह के सवाल भी हैं। कुछ लोगों के लगातार सिर दर्द हो रहा है तो कुछ को अन्य तरह की परेशानियां। अकसर लोगों को इसकी वजह मोबाइल टॉवर लगती है। उनकी यह धारणा कितनी सही है कितनी गलत। क्या वाकई ऐसा हो रहा है? आदि के चलते हमने जिन क्षेत्रों की शिकायत मिली है उनकी जांच की गई है। रिपोर्ट अभी उजागर नहीं कर सकते। हां, कोई भी अपनी शिकायत हमारे पोटर्ल पर कर सकता है, हम उसकी तत्काल जांच करेंगे। - के.के. चंदा, डेप्युटी डायरेक्टर, टेलीकम्युनिकेशन, नागपुर 
 

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