डीम्ड के बिल पर मनपा आयुक्त और परिवहन सभापति के बीच टकराव

डीम्ड के बिल पर मनपा आयुक्त और परिवहन सभापति के बीच टकराव

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-28 10:21 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर।  मनपा परिवहन विभाग की बसों के संचालन में सेवा प्रदाता डीम्ड एजेंसी जून से सितंबर महीने में किए गए भुगतान को लेकर आयुक्त और परिवहन समिति के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। सभापति बाल्या बोरकर ने कहा कि पत्र परिषद में बताया कि आयुक्त के आदेश पर बिल का भुगतान किया गया है। परिवहन समिति को भुगतान मान्य नहीं है। आगामी बैठक में इस विषय पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

60-90 बसों का हुआ संचालन फिर भी बिल पहले जैसा ही
डीम्ड एजेंसी को बिलिंग, बसों की उपलब्धता और चेकर की नियुक्ति कर बिना टिकट सफर करने वालों पर अंकुश लगाने के अधिकार दिए गए हैं। कोरोनाकाल में अत्यावश्यक सेवा छोड़ अन्य बसों का संचालन बंद रहा। कोरोनाकाल से पहले एजेंसी का प्रतिमाह बिल 1 करोड़ 10 से 15 लाख के बीच रहा। कोरोनाकाल में 60 से 90 बसों का संचालन रहा। इसके बावजूद उतना ही बिल भेजा गया। विभाग ने अस्वीकृत किया। वित्त एवं लेखाधिकारी (कैफो) ने भी वापस लौटा दिया। दूसरी बार थोड़ी रकम घटाकर पुन: भेजा गया। उसे भी उस पर भी आपत्ति जताकर भुगतान करने से मना कर दिया। तीसरी बार अप्रैल महीने का 76 लाख, मई 80 लाख, जून 77 लाख, जुलाई 77 लाख, अगस्त 78 लाख, सितंबर 79 लाख रुपए बिल भेजा गया। एजेंसी के प्रतिनिधि ने आयुक्त से मुलाकात कर बिल भुगतान करने की गुहार लगाई। आयुक्त ने बिल में 30 प्रतिशत कटौती कर भुगतान करने के विभाग को आदेश दिए। आयुक्त के आदेश पर 3 करोड़, 86 लाख, 45 हजार 484 रुपए भुगतान किए जाने की सभापति बोरकर ने जानकारी दी।

यह है आपत्ति
सभापति बोरकर ने कहा कि अप्रैल से जून तक 60 और जुलाई से सितंबर तक 90 बसों का संचालन किया गया। 10 जोन में 10 कर्मचारी, डिपो में 4 अौर अन्य 5-6 कर्मचारियों की डिम्ड ने सेवा ली। जबकि 184 कर्मचारियों की सेवा का बिल भेजा गया है। मनपा आर्थिक तंगी से गुजर रही है। ऐसी स्थिति में आयुक्त का कैफो काे फोन पर एक घंटे में बिल भुगतान करने का आदेश देना उचित नहीं है। परिवहन समिति भुगतान किए गए बिल से सहमत नहीं है।

दिल्ली में बैठे अधिकारियों का वेतन नहीं देंगे
बोरकर ने कहा कि एजेंसी के 8 अधिकारी िदल्ली में बैठे हैं। उन्हें प्रतिमाह 80 से 90 हजार रुपए वेतन दिया जाता है। परिवहन विभाग से उनके वेतन का बिल वसूल किया जाता है। भविष्य में उनके वेतन की रकम नहीं दी जाएगी। इस संबंध में आयुक्त के साथ पत्र व्यवहार किया जा चुका है। आगामी बैठक में इस विषय पर भी प्रस्ताव पारित किया जाएगा।

एक फरवरी से बस बढ़ाने का प्रस्ताव
कोरोना का प्रादुर्भाव कम हो जाने से बसों में भीड़ बढ़ गई है। बोरकर ने कहा कि 1 फरवरी से 100 बस बढ़ाने का प्रस्ताव है। आयुक्त आर्थिक तंगी का हवाला देकर बसों की संख्या बढ़ाने पर असहमत हैं। बसों में भीड़ बढ़ने से कोरोना संक्रमण फैलने पर इसकी जिम्मेदारी आयुक्त की होगी।

चेकर के वेतन पर मांगा जाएगा जवाब
बोरकर ने कहा कि चेकर के वेतन पर डीम्ड एजेंसी मनपा से प्रति माह 25 हजार रुपए लेती है। प्रत्यक्ष चेकर को 8 हजार रुपए वेतन दिया जा रहा है। इस विषय पर मनपा प्रशासन और डीम्ड एजेंसी से जवाब मांगा जाएगा।


 

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