जलयुक्त शिवार: मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार- सूखा मुक्त 16 गांवों का नाम बताए सरकार

जलयुक्त शिवार: मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार- सूखा मुक्त 16 गांवों का नाम बताए सरकार

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-20 13:52 GMT
जलयुक्त शिवार: मोदी के बयान पर कांग्रेस का पलटवार- सूखा मुक्त 16 गांवों का नाम बताए सरकार

डिजिटल डेस्क,मुंबई। प्रदेश कांग्रेस ने जलयुक्त शिवार को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के उस दावे को गलत बताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि जलयुक्त शिवार से महाराष्ट्र के 16 हजार गांव सूखाग्रस्त से मुक्त हो गए हैं।  प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने शनिवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रधानमंत्री जैसे गरिमामय पद पर आसीन व्यक्ति को इस तरह की गलतबयानी नहीं करनी चाहिए। शुक्रवार को शिर्डी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि राज्य सरकार की जलयुक्त शिवार योजना के चलते महाराष्ट्र के 16 हजार गांव सूखामुक्त हो गए हैं और 9 हजार गांव सूखा मुक्त होने की राह पर हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि राज्य के 201 तहसीलों के 20 हजार गांवों में सूखे की स्थिति हैं। जिससे साबित होता है कि प्रधानमंत्री ने झूठ बोला है।

सावंत ने आरोप लगाया कि जलयुक्त शिवार योजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से बताया गया है कि राज्य सरकार की तरफ से इस योजना पर अभी तक 7 हजार 459 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसके तहत अब तक 5 लाख 41 हजार 91 कार्य पूरे किए गए हैं जबकि 20 हजार काम चल रहे हैं। इस योजना के चलते टैंकर के इस्तेमाल में 80 फीसदी की कमी आई है। जबकि अक्टूबर महीने में ही राज्य के कई हिस्सों में सैकड़ों टैंकर चल रहे हैं। 

जलयुक्त शिवार से जलस्तर नहीं सिर्फ बढ़ा भ्रष्टाचार 
कांग्रेस नेता ने भूजल सर्वेक्षण रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सितंबर 2018 के अखिर और अक्टूबर माह में किए गए सर्वेक्षण में चिंताजनक स्थिति दिखाई दी है। पिछले पांच वर्षों की तुलना में इस साल राज्य के कुल 365 तहसीलों में 252 तहसीलों को 13 हजार 984 गांवों में भूजल स्तर 3 मीटर से ज्यादा, 3 हजार 430 गांवों में 2 से 3 मीटर और 7 हजार 212 गांवों में 1 से 2 मीटर से नीचे चला गया है। इससे पता चलता है कि जलयुक्त शिवार से कोई लाभ नहीं हुआ है। इससे जलस्तर नहीं सिर्फ भ्रष्टाचार का स्तर बढा है। उन्होंने सवाल किया कि 7 हजार करोड़ रुपए गए कहां? सावंत ने कहा कि जलयुक्त शिवार अभियान की न्यायिक जांच होनी चाहिए। साथ ही सरकार सूखा मुक्त हुए उन 16 हजार और सूखामुक्त होने की कगार पर खड़े 9 हजार गांवों की सूची जारी करे।   

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