दिग्विजय ने मांगे एयर स्ट्राइक के सबूत, शिवराज बोले पाक की भाषा बोल रहे दिग्गी

दिग्विजय ने मांगे एयर स्ट्राइक के सबूत, शिवराज बोले पाक की भाषा बोल रहे दिग्गी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-03 07:18 GMT

डिजिटल डेस्क, इंदौर। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार से बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक के सबूत पेश करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि, जिस तरह अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई के सबूत जारी किए थे, उसी तरह भारत को जारी करना चाहिए। इंदौर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिंह ने कहा, मैं सेना की कार्रवाई पर सवाल नहीं खड़ा कर रहा है। यह तकनीकी युग है। सैटेलाइट के माध्यम से सारी तस्वीरें सामने आ जाती हैं। जिस तरह सबूत अमेरिका ने लादेन के बारे में पूरे विश्व को दिए, उसी तरह हमें भी प्रमाण देना चाहिए। दिग्विजय सिंह के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने उनपर तीखा हमला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, दिग्विजय पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं।

 

 

इमरान खान की तारीफ
दिग्विजय सिंह ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की तारीफ करते हुए कहा कि, विंग कमांडर अभिनंदन को वापस भारत लौटाने के लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। उन्होंने एक अच्छे पड़ोसी होने का सबूत दिया है। अब उन्हें हाफिज सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को हमें सौप कर बहादुरी दिखाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और इमरान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ के नेताओं का इरादा था कि अभिनंदन की वापसी के बदले भारत से सौदेबाजी की जाए। इस सौदेबाजी के बगैर विंग कमांडर को लौटाए जाने के कारण इमरान खान की काफी आलोचना भी हुई।

मोदी विरोध में अंधे हुए दिग्विजय
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता मोदी विरोध में अंधे हो गए है। दिग्विजय सिंह पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं, जो देश के लिए कलंक है। शिवराज ने कहा, "दिग्विजय पहले मध्यप्रदेश को तबाह कर चुके है, अब देश को तबाह करना चाहते है।" उन्होंने आगे कहा कि,अगर वो हमारे सेना के पराक्रम को स्वीकार नहीं कर पा रहे तो धिक्कार है।

सिंह सबूत मांग अपमान कर रहे है
दिग्विजय सिंह के बयान पर बीजेपी नेता गोपाल भार्गव ने भी विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि, सिंह ने सबूत मांगकर वायुसेना का अपमान किया है। पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा कर भारत के ऊपर कोई एहसान नहीं किया है। जेनेवा संधि के तहत उसे अभिनंदन को छोड़ना ही था। 

 

 

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