लेट हुए पृथ्वीराज चव्हाण, नहीं मिला राहुल गांधी की ताजपोशी पर वेन्यू में प्रवेश

लेट हुए पृथ्वीराज चव्हाण, नहीं मिला राहुल गांधी की ताजपोशी पर वेन्यू में प्रवेश

Anita Peddulwar
Update: 2017-12-16 13:47 GMT
लेट हुए पृथ्वीराज चव्हाण, नहीं मिला राहुल गांधी की ताजपोशी पर वेन्यू में प्रवेश

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद पर राहुल गांधी की ताजपोशी का गवाह बनने के लिए पूरे देश से जहां पार्टी के हजारों नेता और कार्यकर्त्ता पहुंचे थे। लेकिन देरी से पहुंचने के चलते पार्टी के कई वरिष्ठ नेताआें को या तो वापस लौटना पड़ा या फिर उन्हें किसी तरह  पिछले दरवाजे से चुपके से अंदर कराया गया। बैरंग वापस लौटने वालों में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चह्वाण का नाम भी शामिल है।
एसपीजी ने नहीं सुनी चिदंबरम, आनंद शर्मा की पुकार
कार्यक्रम स्थल पर देर से पहुंचने वाले नेताओं में पृथ्वीराज चह्वाण, पी चिदंबरम, आनंद शर्मा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, सचिन पायलट, शशि थरूर, राजीव शुक्ला, प्रदीप जैन, प्रिया दत्त, अशोक तंवर, किरण वालिया आदि का नाम प्रमुखता से शामिल था। हालत यह रही कि देर से पहुंचने वाले कांग्रेस के ये दिग्गज मुख्य द्वार पर मौजूद एसपीजी के अधिकारियों से मिन्नतें करते रहे लेकिन एसपीजी ने उनकी एक न सुनी। जानकारी मिलने पर अंदर से गेट तक पहुंचे कांग्रेस महासचिव बी के हरिप्रसाद की तमाम अनुरोधों को भी एसपीजी के अधिकारियों ने अनसुना कर दिया। ऐसे में बड़े नेताओं का चेेहरा देखने लायक था। मामला बिगड़ता देख हरिप्रसाद ने इन नेताओं को अंदर लाने का एक रास्ता निकाला। इन सबको पहले 26, अकबर रोड स्थित सेवा दल के मुख्यालय से 24, अकबर रोड लाया गया, जहां से पार्टी कार्यकर्त्ताओं को अंदर आने की व्यवस्था थी। देरी से पहुंचने वाले कुछ नेता तो वाया 26, अकबर रोड कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए, परंतु पृथ्वीराज चह्वाण इतने भाग्यशाली नहीं रहे। जब वे वहां पहुंचे तब तक दोनों गेट बंद हो चुके थे। आखिरकार उन्हें राहुल की ताजपोशी देखे बिना ही वापस लौटना पड़ा। उनके साथ कई पत्रकारों को भी प्रवेश नहीं मिल सका।
ठाकरे, जगताप नहीं बैठ सके वरिष्ठ नेताआें के साथ 
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भाई जगताप पार्टी मुख्यालय में तो किसी तरह पहुंच गए थे, परंतु उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं वाली गैलरी में घुसने के लिए सेवा दल के कार्यकर्त्ताओं से उलझते देखा गया। सेवा दल की सख्ती के चलते आखिरकार उन्हें बड़े नेताओं के साथ बैठने का मौका नहीं मिला। इसी प्रकार महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे को भी कार्यकर्त्ताओं की गैलरी में बैठकर ही संतोष करना पड़ा। 

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