राहुल गांधी पर शरद पवार की टिप्पणी से कांग्रेस मंत्री नाराज

राहुल गांधी पर शरद पवार की टिप्पणी से कांग्रेस मंत्री नाराज

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-05 12:09 GMT
राहुल गांधी पर शरद पवार की टिप्पणी से कांग्रेस मंत्री नाराज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर टिप्पणी कांग्रेसी नेताओं को रास नहीं आया है। प्रदेश कांग्रेस की कार्याध्यक्ष व राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर ने इस पर आपत्ति जताई है। जबकि भाजपा ने भी पवार के बहाने राहुल गांधी पर निशाना साधा है।  राकांपा सुप्रिमो पवार के बयान पर नाराजगी जताते हुए ठाकुर ने शनिवार को ट्विट कर कहा कि "मैं अपने मित्र दलों से कहना चाहती हूं कि यदि वे चाहते हैं कि आघाडी सरकार स्थिर रहे तो कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ टीका-टिप्पणी बंद करें।’ उन्होंने पवार का नाम लिए बगैर कहा कि आघाडी के कुछ नेताओं के साक्षात्कार-लेख मेरे ध्यान में आए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व बहुत स्थिर और निर्णय क्षमता वाला है। राज्य की महा विकास आघाडी सरकार उसी निर्णय का परिणाम है।   राहुल पर पवार की टिप्पणी से भाजपा को भी उन पर निशाना साधने का मौका मिल गया है। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता व विधायक राम कदम ने कहा कि देश के बड़े नेता शरद पवार कांग्रेस के साथ लंबे समय तक रह चुके हैं और फिलहाल कांग्रेस के साथ सरकार चला रहे हैं। उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर राहुल गांधी के बारे में बोला है। भाजपा विधायक ने कहा कि आखिर कांग्रेस के नेता कब तक गांधी परिवार के पीछे भागते रहेंगे। 

क्या कहा था शरद पवार ने 
दरअसल पिछले दिनों राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राहुल गांधी में कुछ हद तक निरंतरता की कमी लगती है। हालांकि इस दौरान पवार ने राहुल गांधी  पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की टिप्पणियों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई। यह पूछे जाने पर कि क्या देश राहुल गांधी को नेता मानने के लिए तैयार है? जवाब में पवार ने कहा कि इस संबंध में कुछ सवाल हैं। उनमें निरंतरता की कमी लगती है।ओबामा ने हाल ही में प्रकाशित अपने संस्मरण में कहा था कि कांग्रेस नेता शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उस उत्सुक छात्र की तरह लगते हैं जिसमें विषय में महारत हासिल करने के लिए योग्यता और जुनून की कमी है । इस बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि यह जरूरी नहीं है कि हम सभी के विचार को स्वीकार करें।उन्होंने कहा, मैं अपने देश के नेतृत्व के बारे में कुछ भी कह सकता हूं। लेकिन मैं दूसरे देश के नेतृत्व के बारे में बात नहीं करूंगा। किसी को उस सीमा को बनाए रखना चाहिए। मुझे लगता है कि ओबामा ने उस सीमा को पार कर दिया। 

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