उग्र हुआ किसान आंदोलन, मांगों के समर्थन में आत्मदाह की कोशिश, आर्णी बंद रहा
उग्र हुआ किसान आंदोलन, मांगों के समर्थन में आत्मदाह की कोशिश, आर्णी बंद रहा
डिजिटल डेस्क, अमरावती /आर्णी (यवतमाल) । किसानों की मांगों में शुरू किया गया आंदोलन उग्र होता जा रहा है। अमरावती में कांग्रेसियों ने जहां खुद पर मिट्टी तेल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश की वहीं यवतमाल की आर्णी तहसील में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने शहर बंद रख सरकार का विरोध किया। जिला कचहरी में ठिया आंदोलन करते हुए जिलाधीश को ज्ञापन सौंप दो दिनों के भीतर किसान मांगें पूरी नहीं होने पर आत्मदहन की चेतावनी दी थी। कांग्रेसियों ने जिला कचहरी पर भारी हंगामा किया। विधायक यशोमति ठाकुर व विरेंद्र जगताप, जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख सहित कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने अपने उपर मिट्टी तेल छिडकर आत्मदाह का प्रयास किया। जिसे मौजूद पुलिसकर्मियों ने विफल करते हुए तत्काल सभी आला नेता व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर वसंत हॉल में डिटेन किया।
विधायक यशोमति व अन्य को आत्मदाह से रोका
कांग्रेसियों को जहां एक ओर गिरफ्तार किया जा रहा था वहीं विधायक यशोमति ठाकुर के हाथ में बोतल देख पुलिस ने उनके हाथ से बोतल छीनने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच काफी देर तक धक्कामुक्की चलती रही। आखिरकार यशोमति ठाकुर को पुलिस जीप में बिठाकर वसंत हॉल के लिए रवाना किया गया। इस समय भी कार्यकर्ताओं ने जीप को रोकना चाहा। श्रीपाल पॉल, अमोल पन्नासे, मोहन सिंगवी, श्रीराम नेहर आदि ने भी आत्मदाह का प्रयास किया।
विधायक राणा ने आंदोलन को दिया समर्थन
कांग्रेस के आत्मदहन आंदोलन में नया मोड़ तब आया जब विधायक रवि राणा ने डिटेन किए गए कांग्रेस के आला नेताओं से वसंत हॉल में मुलाकात कर इस आंदोलन को अपना समर्थन दे डाला। रवि राणा का कहना था कि उन्होंने कांग्रेस को नहीं बल्कि किसानों के लिए किए जा रहे आंदोलन को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्या को लेकर प्रवीण पोटे पालकमंत्री नहीं बल्कि बालक मंत्री है। रवि राणा ने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री फडणवीस से बात की है।
आर्णी बंद रहा, ठप रहीं व्यापारिक गतिविधियां
किसानों की समस्या सुलझाने मे केंद्र सरकार व राज्य सरकार नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक ख्वाजा बेग ने सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के उद्देश्य से आर्णी बंद का आह्वान किया था, जिसे शहर तथा तहसील के किसानों, व्यापारियों, नागरिकों ने समर्थन दिया। बंद मे लोगों ने बड़ी संख्य़ा में हिस्सा लिया। आंबेडकर प्रतिमा से मोर्चा निकाल तहसील कार्यालय पहुंचा। जहां तहसीलदार को मांगों का ज्ञापन सौंपा गया।