ओबीसी समाज की 22 मांगों का आम सहमति से प्रस्ताव पारित

देवेन्द्र फडणवीस के प्रयास ओबीसी समाज की 22 मांगों का आम सहमति से प्रस्ताव पारित

Anita Peddulwar
Update: 2022-08-08 07:39 GMT
ओबीसी समाज की 22 मांगों का आम सहमति से प्रस्ताव पारित

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ द्वारा आयोजित 7वां महा-अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने केंद्र सरकार के सामने जो 22 मांगों का प्रस्ताव रखा है, मैं उसे पूरी तरह समर्थन करता हूं। इन मांगों को पूरा करने के लिए पुरजोर प्रयास करुंगा। उपमुख्यमंत्री ने दिल्ली में मशाल को प्रज्वलित कर अधिवेशन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर महासंघ के अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाड़े, केंद्रीय मंत्री कपिल पाटील, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले, सांसद बालू धानोरकर, पूर्व विधायक परिणय फुके, एड. अभिजीत वंजारी, सचिन राजुरकर, महादेव जानकर आदि उपस्थित थे।

सरकार ओबीसी के साथ :  केंद्रीय मंत्री कपिल पाटील ने कहा कि, ओबीसी की मांगों को लेकर केंद्रीय स्तर पर प्रयास करुंगा। प्रधानमंत्री ने ओबीसी समाज के 22 लोगों को केंद्रीय मंत्री बनाया है, इसलिए ओबीसी का साथ चाहिए। सरकार ओबीसी के साथ है। कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को अलग-अलग भाषा और राज्य में बंटे हुए ओबीसी समाज को एकजुट होने का आवाहन किया। मंडल आयोग के बाद 27 प्रतिशत आरक्षण को शिक्षा, सरकारी नौकरी में लागू करने में जो अन्याय हो रहा है, उस अन्याय को दूर करने के लिए सभी का साथ चाहिए। इसके लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है।

समाज में जागरूकता व एकता बनाए रखना जरूरी : न्या. ईश्वरैय्या : पिछड़ा वर्ग आयोग के पूर्व अध्यक्ष न्या. ईश्वरैय्या ने कहा कि, देश में आरक्षण समाप्ति की ओर है। ओबीसी समाज को जागृत और एकता बनाए रखने की जरूरत है। अदालतों में तरह-तरह के दांव-पेच खेले जा रहे हैं, ताकि आरक्षण मुक्त भारत की संकल्पना को साकार किया जा सके। अधिवेशन में महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. तायवाड़े ने ओबीसी समाज के लिए अब तक किए गए आंदोलन और प्रयासों की जानकारी देते हुए कार्यक्रम में 22 मांगों का प्रस्ताव रखा। प्रस्ताव आम-सहमति पारित हुआ और देशभर से इसे समर्थन देने की अपील की। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।

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