35 वर्षों से जारी है गोसीखुर्द का निर्माण कार्य, दिसंबर 2021 तक पूरा होगा

35 वर्षों से जारी है गोसीखुर्द का निर्माण कार्य, दिसंबर 2021 तक पूरा होगा

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-06 10:10 GMT
35 वर्षों से जारी है गोसीखुर्द का निर्माण कार्य, दिसंबर 2021 तक पूरा होगा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  प्रदेश के सबसे चर्चित सिंचाई प्रकल्प गोसीखुर्द का निर्माण कार्य बीते 35 वर्ष से चल रहा है। अब विदर्भ सिंचाई महामंडल (वीआईडीसी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में प्रस्तुत अपने शपथपत्र में जानकारी दी है कि वे दिसंबर  2021 तक कुल 18294.57 करोड़ रुपए की लागत से गोसीखुर्द का निर्माणकार्य पूर्ण करेंगे। इसी शपथपत्र में वीआईडीसी में विदर्भ के 38 टाइप 1 सिंचाई प्रकल्पों की स्टेट्स रिपोर्ट हाईकोर्ट में प्रस्तुत की है। जिसमें कोर्ट को बताया गया है कि, उन्होंने 38 टाइप 1 सिंचाई प्रकल्पों में से उन्होंने नागपुर, अमरावती, अकोला, वाशिम, चंद्रपुर, गोंदिया जिलों में कुल 13 सिंचाई प्रकल्पों का निर्माणकार्य पूर्ण कर लिया है।  इसके अलावा बाकी बचे 25 प्रकल्पों को वे जून 2022 तक पूर्ण करेंगे। इनमें बावनथड़ी और लोअर वर्धा जैसे कई मुख्य प्रकल्प शामिल हैं, जिनके निर्माणकार्य पर स्वयं मुख्यमंत्री वॉर रूम से नजर बनाए हुए हंै। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में लोकनायक बापूजी अणे स्मारक समिति सदस्य अमृत दीवान ने जनहित याचिका दायर कर विदर्भ के अधूरे सिंचाई प्रकल्पों का मुद्दा उठाया है। बीती सुनवाई में हाईकोर्ट ने वीआईडीसी को सिंचाई प्रकल्पों की स्टेट्स रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे। 

यह गिनाए कारण
शपथपत्र में वीआईडीसी ने सिंचाई प्रकल्पों के विलंब के कुल 8 कारण हाईकोर्ट को बताए हैं।  सबसे पहला कारण बताया गया है कि, सिंचाई प्रकल्पों के निर्माणकार्य के लिए जिन लोगों का पुनर्वसन किया जा रहा था, वीआईडीसी को उनके भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कई बार प्रकल्पों का नए सिरे से अप्रूवल लेना पड़ा, तो सिंचाई प्रकल्पों से जुड़े कई मामले कोर्ट के विचाराधीन आ गए, जो कि वीआईडीसी के नियंत्रण से बाहर हैं। वीआईडीसी का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस पर दो सप्ताह में अपना जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। 

यह है मामला
याचिकाकर्ता संस्था ने वर्ष 2012 में हाईकोर्ट में सिंचाई की समस्या पर केंद्रित जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने वीआईडीसी को विविध सिंचाई प्रकल्पों की मौजूदा स्थिति और उन्हें पूरा करने के लिए समयबद्ध शेड्यूल देने के आदेश दिए थे। वीआईडीसी ने कोर्ट में इससे जुड़ा शपथपत्र भी प्रस्तुत किया था। याचिकाकर्ता संस्था ने अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर कई बार विदर्भ के विविध सिंचाई प्रकल्पों का दौरा किया। इसमें यह निकल कर अाया कि, हाईकोर्ट के आदेश को 4 साल से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन अब तक प्रकल्पों का 10 प्रतिशत कार्य भी पूरा नहीं हुआ है। वीआईडीसी ने कोर्ट को दिया आश्वासन पूरा नहीं किया। तय समय पर सिंचाई प्रकल्पों के पूरा नहीं होने से विदर्भ का 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचाई से वंचित रह गया। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से वीआईडीसी को जल्द से जल्द निर्माणकार्य पूरा करने के आदेश जारी करने की प्रार्थना की है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. भारती दाभाडकर काले ने पक्ष रखा।
 

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