कांट्रिब्यूटरी शिक्षकों को राहत,उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों से मांगा रिकार्ड

कांट्रिब्यूटरी शिक्षकों को राहत,उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों से मांगा रिकार्ड

Anita Peddulwar
Update: 2020-09-14 10:16 GMT
कांट्रिब्यूटरी शिक्षकों को राहत,उच्च शिक्षा विभाग ने कालेजों से मांगा रिकार्ड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर उच्च शिक्षा सह संचालनालय की ओर से नागपुर के अनुदानित निजी कॉलेज में प्रति लेक्चर की दर बढ़ाने से कांट्रिब्यूटरी शिक्षकों (सीएचबी शिक्षक) को राहत मिली है। सह संचालनालय ने उनके वेतन से जुड़ा एक अहम आदेश कॉलेज प्राचार्यों को जारी किया है। दरअसल, इन शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र 2019-20 का वेतन नहीं मिला है। नागपुर यूनिवर्सिटी से वक्त पर मान्यता नहीं मिलने के कारण यह वेतन बकाया रह गया। उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों को ऐसे शिक्षकों के वेतन देयक का रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। कॉलेजों को इसके साथ संबंधित दस्तावेज भी भेजने को कहा गया है। इसके साथ कॉलेजों को यह भी सुनिश्चित करना है कि, मानदेय तय करते वक्त विविध प्रकार की छुट्टियों के दिन नहीं गिने गए हैं। उल्लेखनीय है कि, शिक्षकों को लंबे समय से वेतन का इंतजार है। मार्च से लॉकडाउन लागू होने के बाद उनकी स्थिति और भी बिगड़ गई थी।

विविध स्तर पर उठाई गई थी मांग
नागपुर यूनिवर्सिटी के सीनेट सदस्य प्रो. प्रशांत डेकाटे व एड. मनमोहन बाजपेयी ने बकाया वेतन के लिए विश्वविद्यालय व विविध स्तरों पर मांग उठाई थी। गौरतलब है कि, इन कांट्रिब्यूटरी शिक्षकों को प्रति लेक्चर की दर से मानदेय दिया जाता है। कांट्रैक्ट कर्मचारियों को प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिलता है। नागपुर यूनिवर्सिटी के विभागों में बड़ी संख्या में शिक्षकों के पद रिक्त होने के कारण कांट्रिब्यूटरी शिक्षकों की सेवाएं ली जाती है। जिन्हें प्रति लेक्चर के हिसाब से भुगतान होता है।

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