कोरोना: मेडिकल में ओपीडी के लिए बनाया अलग रास्ता

कोरोना: मेडिकल में ओपीडी के लिए बनाया अलग रास्ता

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-01 16:31 GMT
कोरोना: मेडिकल में ओपीडी के लिए बनाया अलग रास्ता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (मेडिकल) में भले ही कोरोना के मरीजों के लिए अलग से कोविड-19 बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) बना दी गई है लेकिन अस्पताल के स्टॉफ पर अब भी संकट बना हुआ है। यही वजह है कि विगत दिवस अस्पताल का स्टॉफ की स्टॉफ नर्स खुलकर विरोध में सामने आ गई थीं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन, संसाधनों के अभाव की बात को स्वीकार रहा है लेकिन यह स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार को मेडिकल की सभी ओपीडी में मिलाकर कुल 821 मरीज उपचार के लिए पहुंचे। इन मरीजों को वहां परामर्श दिया गया है लेकिन परेशानी की बात यह है कि इस दौरान अस्पताल की ओपीडी में उपस्थित रहने वाले डॉक्टर, नर्सेस, अटेंडेंट के लिए संकट खड़ा हुआ है। मेडिकल की मेडिकल की मेडिसिन की ओपीडी में यदि ऐसा कोई संदिग्ध मरीज पहुंचता है तो लेने के देने पड़ सकते है। अस्पताल प्रबंधन सुविधाओं का अभाव बताकर भले ही हाथ खड़े कर रही हो लेकिन अस्पताल के स्टॉफ को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है

इससे लेना होगा सबक
मेडिकल के प्रशासन को 30 मार्च की घटना से सबक लेने की आवश्यकता है। पाॅजिटिव मरीज सीधे मेडिसिन कैजुअल्टी में पहुंच गए थे। इन मरीजों को मेडिकल के वार्ड नंबर 36 में रखा गया था लेकिन जब वह पॉजिटिव आए तो वार्ड को सील करना पड़ा। इतना ही नहीं डॉक्टरों सहित करीब 10 स्टॉफ को क्वारंटाइन करना पड़ा।

पीपीई किट के नाम पर पॉलिथीन लपेटे
मेडिकल में डॉक्टर ही नहीं नर्सेस के अलावा अन्य स्टॉफ पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपेंट (पीपीई) के नाम पर सिर्फ पॉलिथीन लपेटे हुए है। ऐसी स्थिति में स्टॉफ में डर होने के साथ ही उनका मनोबल भी टूट रहा है। हालांकि फिलहाल सभी डॉक्टर, नर्सेस, अटेंडेंट काम पर लगे हुए है।

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