मानसून सत्र पर कोरोना संकट , 22 जून से अधिवेशन मुश्किल 

मानसून सत्र पर कोरोना संकट , 22 जून से अधिवेशन मुश्किल 

Anita Peddulwar
Update: 2020-05-30 14:14 GMT
मानसून सत्र पर कोरोना संकट , 22 जून से अधिवेशन मुश्किल 

डिजिटल डेस्क,मुंबई। कोरोना संकट ने सारा गणित गड़बड़ कर दिया है। इसके असर से कुछ भी अछूता नहीं रहा। इस महामारी के प्रकोप के चलते 22 जून से शुरु होने वाला महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र अगस्त तक खिसक सकता है। इस बार मानसून सत्र की अवधि भी कम हो सकती है। कोरोना के चलते राज्य में पिछले ढाई महिनों से लॉक डाउन है। इसके पहले कोरोना की आहट से विधानमंडल के बजट सत्र की अवधि कम करनी पड़ी थी। इस बीच मानसून सत्र का समय आ गया पर स्थिति सुधरने की बजाय दिन प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। मानसून सत्र आयोजित करने को लेकर बीते 29 मई को बैठक बुलाई गई थी। पर बाद में यह बैठक टाल दी गई।

अब 9 जून को विधानमंडल कामकाज सलाहकार समिती की बैठक होने वाली है। इस बैठक में मानसून सत्र की बाबत फैसला लिया जाएगा। हालांकि इस बैठक के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सहमति मिलनी बाकी है। विधानमंडल के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट में मानसून सत्र बुलाना ठीक नहीं होगा।क्योंकि अधिवेशन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कठिन होगा। एक उपाय यह भी सुझाया गया कि मानसून सत्र में विधानसभा की बैठक सेट्रल हॉल में कराई जाए क्योंकि वहां जगह काफी है। विधानसभा में कुल 288 सदस्य हैं। इसलिए यहां सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया जा सकेगा। और विधानपरिषद की बैठक विधानसभा सदन के भीतर कराई जाए। विधानपरिषद में कुल 78 सदस्य हैं। इससे विप सदस्य यहां दूर-दूर बैठ सकेंगे

छह महीने में सत्र बुलाने का नियम
संविधान के अनुसार 6 माह के भीतर एक बार विधानमंडल का अधिवेशन होना चाहिए।विधानमंडल का बजट सत्र 15 मार्च को खत्म हुआ था। इसके अनुसार अगला सत्र 14 सितंबर के पहले आयोजित होना चाहिए। मानसून सत्र 22 जून से शुरू होने वाला है। पर इसे अब आगे टाला जा सकता है। 22 अगस्त से गणपति उत्सव शुरू होने वाला है। कहा जा रहा है कि मानसून सत्र अगस्त में बुलाया जाए और गणपति उत्सव के शुरू होने से पहले ही सत्र खत्म किया जाए। इस बारे में अंतिम फैसला9 जून को हो सकता है।

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