कोरोना इफेक्ट : बेरोजगार होने पर बंद कर रहे अपना ईपीएफओ अकाउंट

कोरोना इफेक्ट : बेरोजगार होने पर बंद कर रहे अपना ईपीएफओ अकाउंट

Anita Peddulwar
Update: 2021-04-03 10:16 GMT
कोरोना इफेक्ट : बेरोजगार होने पर बंद कर रहे अपना ईपीएफओ अकाउंट

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोरोना संक्रमण ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) पर बुरा असर डाला है। आर्थिक सत्र 2020-21 में नागपुर विभाग में 260 करोड़ रुपए की कमी पीएफ कंट्रीब्यूशन में आई है। इसके पहले यह  कंट्रीब्यूशन 900 करोड़ के आसपास हुआ करता था, जो अब गिरकर 640 करोड़ पर आ गया है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण लोगों का बेरोजगार होना और कल-कारखानों का बंद होना माना जा रहा है। बड़ी संख्या में नौकरीपेशा लोगों ने नौकरी छिन जाने से अपने पैसे निकाल कर अपना अकाउंट बंद कर दिया है।

रकम नहीं हुई जमा
ईपीएफ नागपुर विभाग के तहत नागपुर के अलावा वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली, भंडारा व गोंदिया जिला आता है। नागपुर विभाग में करीब 14 हजार फैक्टरियां हैं, जहां स्थायी, अस्थायी व एेवजदार के तौर पर करीब 15 लाख कामगार पंजीबद्ध हैं। सक्रिय कामगार करीब 4 लाख हैं, जो नियमित रूप से काम कर रहे थे। कोरोनाकाल का असर इतना ज्यादा हुआ कि करीब 4 हजार फैक्टरियां बंद हो गईं आैर 30 हजार सक्रिय कामगार काम से हाथ धो बैठे। ईपीएफआे ने 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 (आर्थिक वर्ष) का जो डेटा तैयार किया है, उसमें योगदान में भारी कमी आई है। सालाना 900 करोड़ का कंट्रीब्यूशन गिरकर 640 करोड़ पर आ गया है। कर्मचारी व नियोक्ता की तरफ से जमा की जाने वाली पीएफ राशि में कमी आई है। 

पीएफ में योगदान कम होने के मुख्य कारण
नागपुर विभाग में बंद हो गए हजारों कल-कारखाने
नौकरियां छिन जाने से लोग हो गए बेरोजगार
काम-धंधे नहीं होने से कामगारों का पलायन
जिंदगी चलाने के लिए ईपीएफआे से राशि निकालना।

हर महीने दे रहे 30 से 40 करोड़ का क्लेम
सामान्य तौर पर पीएफ ऑफिस हर महीने 10-12 हजार क्लेम सेटल करता था, लेकिन कोरोनाकाल में अगस्त 2020 के बाद हर महीने 22 से 24 हजार क्लेम सेटल किए गए। जनवरी, फरवरी व मार्च 2021 की बात करें, तो हर महीने 20 हजार से ज्यादा क्लेम सेटल किए जा रहे हैं। कामगार पीएफ से अपने अधिकार की राशि निकालकर गुजारा करने को मजबूर है। हर महीने 30 से 40 करोड़ की राशि कामगारों को दी जा रही है। इनमें ऐसे भी कामगार हैं, जो अपना खाता ही बंद कर रहे हैं।

हो रहा पलायन
कोरोनाकाल में कामगारों का पलायन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कोरोना संक्रमण कम होने से जो कामगार नए साल (2021) में वापस आए थे, वे फिर से पलायन कर रहे हैं। जाने के पहले ईपीएफआे में जमा राशि निकाल रहे हैं।
 

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