नौनिहालों से हार गया कोरोना, रिकवरी देख डॉक्टर भी हैरान

नौनिहालों से हार गया कोरोना, रिकवरी देख डॉक्टर भी हैरान

Anita Peddulwar
Update: 2021-05-11 05:43 GMT
नौनिहालों से हार गया कोरोना, रिकवरी देख डॉक्टर भी हैरान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना महामारी ने हर आयु वर्ग के लोगों का अपनी चपेट मे लिया है। बुजुर्गों ने इच्छाशक्ति और दृढ़ निश्चय से संक्रमण को मात दी, तो बच्चों ने हंसते-खेलते कोरोना को हरा दिया। बच्चों की जल्दी रिकवरी देख, परिजनों का हौसला बढ़ा और वे भी जल्द स्वस्थ हो गए। ‘लिटिल कोरोना वॉरियर्स’ की होम क्वारेंटाइन में गूंज रही हंसी-किलकारी ने माहौल को पॉजिटिव कर दिया। दैनिक भास्कर ने लिटिल कोरोना वॉरियर्स के परिजनों से बात की, तो उन्होंने बताया-बच्चों की निगेटिव रिपोर्ट से हमें हौसला मिला।

11 माह का बेटा आया संक्रमण की चपेट में 
24 मार्च को मेरी और पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। 11 माह का बेटा दीवित भी पॉजिटिव था। हमें चिंता उसे लेकर हुई, क्योंकि वह मात्र 11 माह का है। डॉक्टर ने बताया कि ‘फीडिंग’ कराते समय कुछ सावधानियां रखनी होंगी। मैंने उसे फॉलो किया। डॉक्टर ने भी हाईडोज दवाएं नहीं दी थी। ‘फीड’ कराते समय मास्क लगाए रखती थी। दीवित को कोरोना हुआ, लेकिन वो एकदम नॉर्मल था। हम होम क्वारेंटाइन थे। दीवित की हंसी-किलकारी घर में गूंजती रही, हम पति-पत्नी का भी क्वारेंटाइन पीरियड कैसे निकल गया, पता नहीं चला। हमें सबसे ज्यादा हौसला दीवित से मिला।{मनीषा मोटवानी, सुभान नगर 

5 वर्ष की बेटी की पॉजिटिव रिपोर्ट देख घबरा गए 
मेरे पति की और मेरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हमारी  5 वर्ष की बेटी अनाया की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अनाया की रिपोर्ट पॉजिटिव देखते ही हम घबरा गए। फिर हमने फैमिली डॉक्टर से बात की, तो उन्होंने कहा कि बच्चों की इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है। बेटी को कोई दवा नहीं दी थी। हमें डॉक्टर ने होम क्वारेंटाइन रहने की सलाह दी। अनाया घर में खेलती-कूदती और धूम मचाती रहती थी। हंसते-खेलते उसने कैसे कोरोना को मात दे दी, समझ में ही नहीं आया। अब हमारा पूरा परिवार स्वस्थ है। अनाया की मस्ती भी बरकरार है। दिनभर घर में धूम मचाती रहती है। {सपना मोटवानी, सुभान नगर  

ढाई वर्ष के बेटे ने कोरोना को हंसते-खेलते हराया 
हमारा परिवार 12 मार्च को कोरोना पॉजिटिव हुआ। पति, मैं और हमारा ढाई वर्ष का बेटा अली भी पॉजिटिव था। हल्के लक्षण होने के कारण हमें डॉक्टर ने होम क्वारेंटाइन होने की सलाह दी। हम बेटे के लिए चिंतिंत  थे। फैमिली डॉक्टर से बात की, तो उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को दवा नहीं दे सकते हैं। डॉक्टर ने बेटे के लिए आयरन, कैल्शियम और जिंक का सिरप बताया। हमने बच्चे को सिरप देना शुरू किया। धीरे-धीरे वह एकदम ठीक हो गया। दिन-भर घर में मस्ती करता रहता था। उसे देखकर हमें एनर्जी मिलती थी। समय कैसे निकलता रहा, पता ही नहीं चला।   {सबा शेख, जीजामाता नगर
 

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