भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को दंडित कर ही खत्म किया जा सकता है भ्रष्टाचारः HC

भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को दंडित कर ही खत्म किया जा सकता है भ्रष्टाचारः HC

Anita Peddulwar
Update: 2021-07-17 12:14 GMT
भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को दंडित कर ही खत्म किया जा सकता है भ्रष्टाचारः HC

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि भ्रष्टाचार का खतरा विकराल रुप लेता जा रहा है। ऐसे में भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को दंडित करके ही इस खतरे का खत्म किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने यह बात भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए एक स्वास्थ्य निरीक्षक  की तीन साल की सजा को कायम रखते हुए कही। 

पुणे महानगर पालिका में स्वास्थ्य निरीक्षक के रुप में कार्यरत आरोपी अनिल ओरपे को विशेष अदालत ने 1997 में घूसखोरी के मामले में दोषी ठहराते हुए कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी। न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने आरोपी की अपील पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि आरोपी ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए एक व्यक्ति से दुकान का अंशकालिक लाइसेंस जारी करने के लिए 1991 में आठ सौ रुपए की घूस की मांग की थी।सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने दावा किया कि मेरे मुवक्किल ने घूस नहीं मांगी थी। उन्होंने सिर्फ लाइसेंस की मांग करनेवाले शख्स से विलंब शुल्क मांगा था। वहीं अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि आरोपी के पास लाइसेंस जारी करने का अधिकार था। इसके साथ ही आरोपी ने लाइसेंस जारी करने की मांग करनेवाले मोतीलाल सोलंकी से आठ सौ रुपए मांगे थे। 

मामले से जुड़े सबूतों पर  गौर करने व दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि घूस  की रकम उसके पास से मिली है, लेकिन उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि उसके हाथ में किसने और क्यों पैसे रखे थे। न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रकरण से संबंधित सबूत स्पष्ट करते हैं कि आरोपी ने अपने पद का दुरुपयोग किया था। इसलिए आरोपी की अपील को खारिज किया जाता है। न्यायमूर्ति ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले लगातार बढते जा रहे हैं। ऐसे में विकराल रुप ले रहे भ्रष्टाचार को सिर्फ भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों की पहचान कर उन्हें उचित दंड देकर ही खत्म  किया जा सकता है। 
 

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