तीन साल से जमा है पैसा पर नहीं मिल रहा नल जल योजना का लाभ

तीन साल से जमा है पैसा पर नहीं मिल रहा नल जल योजना का लाभ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-08 08:04 GMT
तीन साल से जमा है पैसा पर नहीं मिल रहा नल जल योजना का लाभ

डिजिटल डेस्क, करेली। जनसहयोग से ग्रामीणों को  नल जल योजना की सुविधा दिलाने का सपना दिखाकर ग्रामपंचायत द्वारा रूपयों की वसूली तो कर ली गई किंतु तीन साल बीत जाने के बाद भी यह योजना सपना ही बनी हुई है। बताया गया है कि लालफीताशाही और विभागीय उदासीनता के चलते शासन की योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को तय समय सीमा में मिल पाना मुश्किल हो रहा है समीपस्थ ग्राम पंचायत घघरौला में तीन वर्ष पूर्व ग्रामीणेां से नलजल योजनान्तर्गत पंचायत ने पैसे की बसूली कर विभाग को देने के बावजूद अब तक ग्रामीणों को योजना का लाभ नही मिल पा रहा है जिसके कारण करीब 1800 की आवादी वाला गांव भीषण गर्मी में बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहा है। ग्रामवासियों ने बताया कि पंचायत द्वारा सन् 2015 में ग्रामवासियों से 500-500 रुपये की वसूली तो कर ली परन्तु नलजल योजना का आज तक पता नहीं है।


1800 की आवादी 8 हैंडपंप
जहां ग्राम की आवादी 1800 के पार है वहां ग्राम में महज 8 हैंडपंप जलापूर्ति के लिए है। तकनीकी खराबी के चलते 3 हैंडपंप पूर्णत: बंद है वही 5 हैंड पंपों में कुछ  देर पानी आता है फिर वह हवा फेंकने लगते है। वहीं इस वर्ष किया गया नलकूप केसिंग और मोटर का इंतजार कर रहा है। परन्तु अभी तक कार्य अपूर्ण होने के कारण भीषण गर्मी में काफी परेशानी हो रही है।

परिवार के ज्यादातर लोग पानी भरने में व्यस्त
ग्राम के राकेश ठाकुर, सुरेंद्र कौरव, रुपराम कौरव ने बताया कि ग्राम में जल संकट काफी समय से गहराया हुआ है। जिसके लिए पंचायत और पीएचई को भी जानकारी दी है परन्तु निस्तारी पानी के अलावा अब तो गांव में पीने के पानी के भी लाले पड़ गये है। घर के बच्चे और युवा नर्मदा और अन्य जलस्त्रोतों से पानी ढोकर घरों की जलापूर्ति मे ंलगे हुए है वही घर की महिलाऐं  सुबह 4 बजे से  हैंडपंपों से पानी भरने मजबूर है।

नये नियम और टेंडर प्रक्रिया से प्यासे ग्रामीण
ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों ने बताया कि जनसहयोग से जमा पैसा विभाग को जमा कर दिया है परन्तु पीएचई विभाग ने इस वर्ष खनन कराया है लेकिन उसमें भी मोटर न होने के कारण जलापूर्ति नही हो पा रही है जिससे जल समस्या बनी हुई है। वही पीएचई विभाग पुराने नियम और नये नियम में अंतर और टेंडर लेट हो जाने के कारण योजना में देरी बता रहे है।

इनका कहना है।
पीएचई और पंचायत को तत्संबंध में तुरंत निराकरण के लिए अवगत करा देते है हैंडपंप और नलकूप खनन का कार्य जल्द ही दुरुस्त करने को भी कहा जायेगा।
दुर्गेश कुमार बोमरकर सीईओ जनपद पंचायत चांवरपाठा

 

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