कोर्ट ने सही माना दावा, मिलेगी नौकरी

अनुकंपा नियुक्ति कोर्ट ने सही माना दावा, मिलेगी नौकरी

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-08 10:55 GMT
कोर्ट ने सही माना दावा, मिलेगी नौकरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  चंद्रपुर जिला परिषद में अनुकंपा नियुक्ति मामले में याचिकाकर्ता संगीता उपलंचीवार के दावे को सही मानते हुए छोटे पुत्र को अनुकंपा सूची में शामिल करने का आदेश दिया है। इस मामले में न्यायाधीश सुनील शुक्रे और अनिल पानसरे ने फैसला सुनाया है।

यह है मामला 
जानकारी अनुसर चंद्रपुर निवासी जिप स्कूल में प्राथमिक शिक्षक गजानन उपलंचीवार का साल 2009 में निधन हो गया था। इसके बाद मृतक की पत्नी संगीता उपलंचीवार ने अपने बड़े पुत्र आदित्य को तत्काल अनुकंपा नियुक्ति देने का आवेदन किया था। प्रशासन ने आदित्य का नाम प्रतीक्षा सूची में 2009 में नाम शामिल करने के बाद भी साल 2014 तक नियुक्ति नहीं दी। इस बीच 2013-14 में आदित्य की दोनों किडनी खराब होने से नियमित डायलिसिस ले रहा है।

स्वास्थ्य कारणों के चलते संगीता उपलंचीवार ने छोटे पुत्र ध्रुव को आदित्य के बदले अनुकंपा नौकरी देने के लिए साल 2014 में आवेदन किया था, लेकिन ध्रुव की उम्र केवल 15 साल होने से प्रशासन ने बालिग होने पर नौकरी देने का आश्वासन देते हुए प्रतीक्षा सूची में शामिल किया। ध्रुव उपलंचीवार के साल 2017 में बालिग होने के बाद भी कई बार निवेदन करने पर भी साल 2020 तक नियुक्ति नहीं दी गई। 20 मई 2020 को नियम बदलने का हवाला देकर ध्रुव उपलंचीवार का नौकरी का दावा खारिज कर दिया। 

मांगनी पड़ी थी माफी
इस मामले में संगीता उपलंचीवार ने एडवोकेट अरविंद वाघमारे की सहायता से मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की थी। न्यायालय में पेशी पर उपस्थित नहीं होने को लेकर न्यायालय ने जिप की सीईओं को नोटिस भी जारी किया था। विगत 23 नवंबर को मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मिताली शेठी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बगैर शर्त माफी मांगी। दोनों पक्षाें को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुनाया। याचिका कर्ता की ओर से अधिवक्ता अरविंद वाघमारे ने पैरवी, जबकि राज्य सरकार की ओर से शिरीष उके और चंद्रपुर जिला परिषद की ओर से अनिल ठाकरे ने पैरवी की।


 

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