केजरीवाल के खिलाफ सबूत नहीं पेश कर सकी पुलिस,  बगैर अनुमति रैली के मामले में बरी

केजरीवाल के खिलाफ सबूत नहीं पेश कर सकी पुलिस,  बगैर अनुमति रैली के मामले में बरी

Tejinder Singh
Update: 2018-09-28 13:53 GMT
केजरीवाल के खिलाफ सबूत नहीं पेश कर सकी पुलिस,  बगैर अनुमति रैली के मामले में बरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली के मुख्यममंत्री आरविंद केजरीवाल, पूर्व बैंक अधिकारी मीरा सानयाल व सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर सहित आम आदमी पार्टी के पांच कार्यकर्ताओं को बरी कर दिया है। इस तरह से कोर्ट ने इस प्रकरण से जुड़े सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया है। इन सभी लोगों पर पुलिस की अनुमति के बिना साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान मानखुर्द इलाके में रैली करने का अारोप था।  

शुक्रवार को इस मामले में आरोपी केजरीवाल, सानयाल, सुंदर बालकृष्ण नायर, अनिल राठोड, शकील अहमद, इम्तियाज अंसारी और राम सिन्हा भारद्वाज मैजिस्ट्रेट पीके देशपांडे के सामने हाजिर हुए। इसके बाद मैजिस्टेट देशपांड ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि रैली न करने को लेकर पुलिस महकमे की ओर से आरोपियों को कोई आदेश जारी नहीं किया गया था। इसके अलावा जब रैली की गई तो उसे समय चुनाव प्रचार की रोकथाम के लिए कोई प्रतिबंधात्मक आदेश भी नहीं जारी किया गया था।

मामले को लेकर सबूत भी नहीं पेश किए गए हैं। आरोपियों के बयान दर्ज करने में हुई देरी को लेकर भी अभियोजन पक्ष ने कोई कारण नहीं दिया है। यह कहते हुए मैजिस्ट्रेट ने मामले से जुड़े सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया। बरी करने के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को अदालत में 15 हजार रुपए का पर्सनल बांड जमा करने का निर्देश दिया। 

गौरतलब है कि साल 2014 में रैली के लिए जरुरी अनुमति न लेने के लिए आम आदमी पार्टी के प्रमुख केजरीवाल सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। मामले की जांच के बाद पुलिस ने कोर्ट में आरोपपत्र दायर किया था। इस बीच केजरीवाल कोर्ट में हाजिर हुए थे और कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान कर दी थी और साथ ही कोर्ट में उपस्थिति से भी छूट प्रदान की थी। अब अदालत ने प्रकरण से जुड़े सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।  
 

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