महाराष्ट्र में नए नर्सिंग कॉलेजों को कोर्ट की हरी झंडी

महाराष्ट्र में नए नर्सिंग कॉलेजों को कोर्ट की हरी झंडी

Anita Peddulwar
Update: 2020-09-26 07:27 GMT
महाराष्ट्र में नए नर्सिंग कॉलेजों को कोर्ट की हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ से प्रदेश में नए जनरल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी (जीएनएम) कॉलेज शुरू करने को हरी झंडी मिल गई है। न्या. सुनील शुक्रे व न्या. अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने वर्धा के डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार पर्यायी शिक्षा मंडल की याचिका पर यह निर्णय लिया है।

नियमों का पालन नहीं किया
दरअसल संस्थान ने वर्धा में जीएनएम नर्सिंग कॉलेज शुरू करने के लिए स्टेट बोर्ड ऑफ नर्सिंग को प्रस्ताव भेजा था। 31 दिसंबर 2019 को बोर्ड ने वह प्रस्ताव खारिज कर दिया था। बोर्ड की दलील दी थी कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने "नेशनल हेल्थ पॉलिसी 2017" के तहत शैक्षणिक सत्र 2020-21 से नए जीएनएम कोर्स को मान्यता देने से इंकार कर दिया है। याचिकाकर्ता के वकील फिरदौस मिर्जा ने दलील दी कि बोर्ड का यह निर्णय महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ नर्सिंग एंड पैरामेडिकल एजुकेशन एक्ट 2013 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। वहीं इंडियन मेडिकल काउंसिल ने कोर्स बंद करते वक्त सभी नियमों का पालन नहीं किया। नियमानुसार इसके लिए अाधिकारिक गैजेट प्रकाशित किया जाना चाहिए था। 

प्रक्रियाओं का पालन करना होगा
 मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बोर्ड के प्रोस्पेक्टिव प्लान पर भी गौर किया, जिसमें बोर्ड ने स्वयं वर्धा में एक नर्सिंग कॉलेज की जरूरत बताई थी। सभी पक्षों को सुनकर कोर्ट ने फैसला सुनाया कि काउंसिल द्वारा गैजेट प्रकाशित नहीं करने और अन्य जरूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं होने के कारण पाठ्यक्रम को बंद नहीं माना जा सकता, पाठ्यक्रम बंद करने के लिए काउंसिल को सभी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। ऐसे में याचिकाकर्ता के प्रस्ताव पर बोर्ड को पुनर्विचार करने के आदेश दिए गए हैं। कोर्ट के इस फैसले से नए कॉलेजों का रास्ता साफ हो गया है। 

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