विदर्भ की अनदेखी पर कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

विदर्भ की अनदेखी पर कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

Anita Peddulwar
Update: 2021-06-24 07:43 GMT
विदर्भ की अनदेखी पर कोर्ट ने सरकार को लगाई फटकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्ष 2019 में महाआघाड़ी सरकार आने के बाद से ही विदर्भ की ओर अनदेखी बढ़ती जा रही है। वर्ष 2020 में विदर्भ विकास मंडल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से ही नए मंडल का गठन नहीं हुआ है। यही नहीं, विदर्भ के अनेक विकासकार्य भी रोक दिए गए हैं। इन कार्यों के लिए मंजूर निधि भी अन्य कार्यों में डाल दी गई है। राज्य सरकार इन मुद्दों पर नागपुर खंडपीठ में भी जवाब देने से लगातार बच रही है। राज्य सरकार के इस रवैये पर नागपुर खंडपीठ की  न्या.सुनील शुक्रे और न्या.अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने राज्य सरकार को जम कर फटकार लगाई। 


भेदभाव की झलक
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार के इस बर्ताव से तो यही लगता है कि सरकार विदर्भ के साथ भेदभाव कर रही है। कोर्ट ने कहा कि विदर्भ इसी प्रदेश का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन इसके विकासकार्यों पर राज्य सरकार का उदासीन रवैया है। हाल के दिनों में विदर्भ के विकासकार्यों के लिए मंजूर निधि को राज्य सरकार ने अन्य कार्यों में लगा दिया है। हाईकोर्ट में विदर्भ के विकासकार्यों के संबंध में दायर याचिकाओं में अनेक बार राज्य सरकार समय पर उत्तर प्रस्तुत नहीं करती दिखी और न ही निधि मंजूर करती। इस मामले में प्रदेश महाधिवक्ता भी पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद कोर्ट में उत्तर नहीं दे रहे हैं। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता को दो सप्ताह में उत्तर के साथ सुनवाई में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। 

यह है मामला
हाईकोर्ट ने स्वतंत्र विदर्भ समर्थक नितीन रोंघे और विदर्भ विकास मंडल के पूर्व सदस्य डॉ.कपिल चंद्रायण द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश जारी किया है। अप्रैल 2020 में विदर्भ विकास मंडल का कार्यकाल समाप्त हुआ। राज्यपाल मंत्रिमंडल की सिफारिश के बाद ही इस मंडल का गठन कर सकते हैं, लेकिन मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को ऐसी कोई सिफारिश नहीं की है। याचिका में विकास मंडल के गठन के आदेश देने की प्रार्थना की गई है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीहरि अणे ने पक्ष रखा। 

कोर्ट की अखंडता और प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास न करें
नागपुर खंडपीठ में विविध कार्यों के लिए भी अब तक निधि मंजूर नहीं हुई है। बारिश के दिन में कोर्ट के कुछ कमरों में भी पानी टपक रहा है, इस पर कोर्ट प्रशासन ने संंबंधित अधिकारियों को संपर्क करके नागपुर खंडपीठ के विकासकार्यों के लिए निधि उपलब्ध कराने को कहा था, लेकिन लंबी प्रक्रिया का हवाला देकर यह काम पूरे नहीं किए गए। इस पर भी हाईकोर्ट ने सरकार को फटकारा। कहा कि आखिकर नागपुर खंडपीठ के विकासकार्यों के लिए मंजूर निधि बॉम्बे हाईकोर्ट की प्रधान पीठ को कैसे दी जा सकती है? राज्य सरकार कोर्ट की अखंडता और प्रतिष्ठा को कम करने का प्रयास न करंे।


 

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