नाबालिग के साथ रेप के मामले में दो को उम्रकैद की सजा

नाबालिग के साथ रेप के मामले में दो को उम्रकैद की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-26 14:12 GMT
नाबालिग के साथ रेप के मामले में दो को उम्रकैद की सजा

डिजिटल डेस्क, छतरपुर ।13 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुराचार करने के एक मामले में कोर्ट ने फैसला दिया है। विशेष न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने मामले के दो आरोपियों को उम्रकैद के साथ दस हजार के जुर्माना की सजा सुनाई है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि 13 वर्षीय पीडि़ता के पिता ने खजुराहो थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि 19 सितंबर 2016 को उसकी पुत्री अपनी मां के साथ खेत पर गई थी। दोपहर में उसकी पत्नी भैसें चरा रही थी। खेत में जानवर घुस जाने से उसकी पुत्री जानवरों को भगाने गई थी जो वापिस नहीं आई। ढूढऩे पर भी उसका कोई पता नहीं चला। पुलिस ने गुमइंसान सूचना दर्ज कर खोजबीन शुरु कर दी। पुलिस ने पीडि़ता को बरामद किया, पीडि़ता ने पुलिस को बताया कि जब वह जानवरों को भगाते समय रोड पर पहुंची तभी गोरा तरफ  से मोटरसाइकिल से राजनगर का मुकेश यादव और बुद्धू साहू शराब के नशे में मिले। गाड़ी रोककर बुद्धू ने उसका दुपट्टा खींचा और मुकेश के कहने पर बुद्धू ने उसे जबरन गाड़ी में बीच में बैठाया। पीडि़ता चिल्लाई तो बुद्धू ने उसके गाल में चांटा मारा और जान से मारने की धमकी दी। वह डर के कारण चुप हो गई। दोनों आरोपी उसे खजुराहो होते हुए राजनगर चमरौला मोहल्ले के आगे एक खेत पर ले गए। मुकेश और बुद्धू ने जबरन उसके साथ दुराचार किया। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर खेत के आस पास के लोग दौड़े। तब दोनों आरोपी जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। पुलिस ने मुकेश यादव और बुद्धू साहू निवासी फौजदार मोहल्ला राजनगर को गिरफ्तार कर मामला कोर्ट में पेश किया।

ऐसे मामले न्यायिक विवेक को हिला देने वाले हैं -जज नोरिन निगम
विशेष न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने फैसला सुनाया कि ऐसे मामलों में अदालतों का यह दायित्व है कि वे समाज की पुकार को सुनते हुए न्याय की भावना के अनुरूप दोषी व्यक्ति को उचित सजा दें। क्योंकि सजा से अपराधी के प्रति समाज की भत्र्सना का भाव प्रकट होना चाहिए। अदालत को न केवल आरोपी के अधिकार को ध्यान में रखना चाहिए, बल्कि अपराध से पीडि़त और समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए सजा देना चाहिए। जहां आरोपी के द्वारा नाबालिग के साथ उसका व्यपहरण करके सामूहिक बलात्कार की घटना की गई है, यह स्थिति न केवल अमानवीय है बल्कि न्यायिक विवेक को हिला देने वाली है। ऐसे मामलों में सजा देते समय उदार दृष्टिकोण अपनाया जाना उचित नहीं होगा। कोर्ट ने मामले के आरोपी मुकेश यादव और बुद्धू साहू को दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 376(2) में आजीवन कारावास के साथ दो-दो हजार रुपए के जुर्माना की और धारा 363 तीन-तीन साल की कठोर कैद के साथ एक-एक हजार रुपए जुर्माना की सजा दी। साथ ही धारा 366 में दस-दस साल की कठोर कैद के साथ दो-दो हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई। कोर्ट ने जुर्माना की राशि में से दस हजार रुपए पीडि़ता को बतौर प्रतिकर देने का भी आदेश दिया है।

 

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