महाराष्ट्र में मंदिर शुरू करने कोर्ट की लेनी पड़ेगी शरण

विखे पाटील ने कहा महाराष्ट्र में मंदिर शुरू करने कोर्ट की लेनी पड़ेगी शरण

Anita Peddulwar
Update: 2021-08-30 10:51 GMT
महाराष्ट्र में मंदिर शुरू करने कोर्ट की लेनी पड़ेगी शरण

डिजिटल डेस्क, शिर्डी। मुख्यमंत्री खुद घर पर बैठे हैं और उन्होंने भगवान को भी बंद कर रखा है।  भाजपा नेता विधायक राधाकृष्णन विखे पाटील ने सीएम पर सवाल दागते हुए कहा कि आप और कितने दिन कानून का डर दिखाकर भक्तों को भगवान से दूर  रखेंगे ।  महाविकास गठबंधन सरकार हमें सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर करने जा रही है, तो हम किसी भी लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हैं।  उन्होंने यह भी संकेत दिया कि हमें अदालतों में मंदिरों के लिए लड़ना होगा

राज्य में मंदिर शुरू करने के लिए भारतीय जनता पार्टी के आध्यात्मिक मोर्चे की ओर से आंदोलन शुरू किया गया था।  विधायक विखे पाटिल ने श्रीक्षेत्र कोल्हार  स्थित भगवती माता मंदिर परिसर में आध्यात्मिक मोर्चे की ओर से आयोजित शंखनाद आंदोलन में भाग लिया। सरकार के  मंदिर खोलने के इनकार की आलोचना करते हुए भक्तों, वारकरी और आध्यात्मिक क्षेत्र के लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ न करने की बात  विखे पाटील ने कही है।  पूर्व मंत्री अन्नासाहेब म्हस्के पाटिल, डॉ. भास्करराव खरदे,  श्रीमती नंदाताई तांबे, पंचायत समिति सदस्य बबलू म्हस्के, अशोक असावा, उप पंच श्रीमती सविता खरदे, निदेशक स्वप्निल नीबे, एचबीपी नवनाथ महाराज म्हस संभाजीराव देवकर, उदय खर्डे, भाऊसाहेब घोलप, शिवाजीराव घोलप, अन्नासाहेब बेंद्रे, विजय तांबे, ऋषिकेश खर्डे, धनंजय दले, सरजेराव खर्डे, बब्बाभाई शेख, तबाजी लोखंडे, अमोल थेटे, दत्तात्रेय राजभोज, प्रकाश खड़डे आदि अनेक उपस्थित थे।

 

 विधायक विखे पाटिल ने कहा कि एक तरफ सरकार ने राज्य में शराब की दुकानें शुरू कर रखी। मॉल में वैक्सीन की दो डोज लेने वाले लोगों को अनुमति दी, मुंबई में भी लोकल ट्रेन में लोगों को  परमिशन दी है फिर मंदिरों की अनदेखी क्यों? ऐसा ही सवाल पेश करते हुए विधायक विखे पाटील ने कहा कि सरकार के विरोध में समाज के सभी वर्गों को सड़कों पर उतरना होगा.  आध्यात्मिक क्षेत्र अब नहीं छोड़ा गया है।   सरकार की आंख मूंदकर आलोचना करते हुए कहा कि महाविकास अघाड़ी सरकार में कोई भावना नहीं बची है।

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