क्राइम की जांच से जुड़े पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत : उज्ज्वल निकम
क्राइम की जांच से जुड़े पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने की जरूरत : उज्ज्वल निकम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। समाज में कोई भी अपराध घटित हो तो आम आदमी चाहता है कि गुनहगार को सख्त से सख्त सजा मिले, ताकि समाज से भय का माहौल खत्म हो। कई बार यदि किसी प्रकरण की जांच कमजोर तरीके से की गई हो, तो अदालत में अपराधी को दोषी साबित करके उसे सजा दिला पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि अपराध की जांच मजबूत तरीके से की गई हो। इसके लिए जांच प्रक्रिया में शामिल जांच अधिकारियों और खासकर पुलिस हवलदारों को कानून में प्रशिक्षित करना जरूरी है। प्रदेश सरकार को इस दिशा में विचार करना चाहिए। विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने रविवार को दैनिक भास्कर कार्यालय में हुई चर्चा में अपने विचार रखे।
चर्चा में उन्होंने अपराध जगत से जुड़े कई विषयों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। जांच से जुड़े पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण को जरूरी बताते हुए कहा कि हर हवलदार को यह प्रशिक्षण देना जरूरी है कि मामला दर्ज करते समय किन चीजों का ध्यान रखें, बयान कैसे दर्ज करें आैर साथ ही उन्हें अनिवार्य तौर पर कोर्ट की सुनवाई में उपस्थित रहकर ट्रायल की बारीकियां समझना चाहिए। इसी से केस मजबूत बनेगा और अपराधी को सजा दिलाना आसान होगा।
गवाह होते हैं अहम कड़ी
निकम ने कहा कि किसी भी केस के ट्रायल में उस मामले से जुड़े गवाह सबसे जरूरी कड़ी होते हैं। कई बार तो बड़े व्यक्तियों की लिप्तता वाले मामले में गवाह सामने आने से डरते है। तो कई बार पुलिस थाने में अलग- अलग गवाहों के बयान गंभीरता से दर्ज नहीं किए जाते। कॉपी पेस्ट का सहारा लेकर एक ही बयान को अलग अलग गवाहों के बयान के तौर पर दर्ज किया जाता है। हर गवाह की आखों-देखी और अनुभव अलग होता है, पुलिस को इसका ध्यान रखना चाहिए। उधर गवाह कोई गलती करे या खुद पुलिस अधिकारी कोई गलती करे तो मैं उन्हें डांट देता हूं, ताकि ट्रायल पर इसका असर ना पड़े।
दाउद को वापस लाना अब संभव नहीं
लंबे समय से फरार चल रहे अंडरवल्ड डॉन दाउद इब्राहिम को भारत वापस लाने का मुद्दा देश के सबसे चर्चित मुद्दों में से एक है। सत्ता में कई भी राजनीतिक दल हो दाउद को वापस भारत लाने की पुरजोर कोशिश करने का दावा सभी करते हैं। मगर 1993 मुंबई बम धमाकों में सरकारी वकील रहे उज्जवल निकम इस पर कुछ अलग राय रखते हैं। दाउद को वापस भारत लाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अब दाउद को भारत लाना अब संभव नहीं है। क्योंकि हमारे रिकार्ड में दाउद की कई वर्षों पुरानी तस्वीरें है। आधिकारिक रूप से कोई रिकॉर्ड नहीं है कि दाउद अब कैसा दिखता है। दाउद अब काफी बूढ़ा हो गया है, अब उसे देश में लाकर हम उसका क्या करेंगे?