नागपुर में नहीं थम रहा क्राइम, जानिए अहम वारदातें
नागपुर में नहीं थम रहा क्राइम, जानिए अहम वारदातें
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नंदनवन थाने में प्लॉट बेचने के नाम पर ठगी का मामला दर्ज किया गया है। आरोपी प्रमोद विश्वकर्मा है। पुलिस के अनुसार मानव शक्ति नगर निवासी रेखा मोहाड़ीकर ने थाने में शिकायत की है। रेखा ने 23 नवंबर 2015 को जगनाड़े चौक निवासी प्रमोद विश्वकर्मा से भिवापुर में प्लाॅट का सौदा किया था। इसके लिए उन्हें व्यंकटेश नगर, के.डी. के काॅलेज रोड, स्थित चंद्रप्रभा लैंड डेवलपर्स एंड बिल्डर्स, कार्यालय, नागपुर में 9,97,800 रुपए देना थे। उन्होंने 9,34,080 रुपए दिए। शेष रकम रजिस्ट्री के समय देने की बात हुई थी, लेकिन रजिस्ट्री करने में आरोपी आना-कानी कर रहा था। इस बीच रेखा को पता चला कि, उन्होंने आरोपी से जो प्लाॅट खरीदे वह उसके नाम पर ही नहीं हैं। लिहाजा रेखा ने थाने में शिकायत की है
रिश्वत लेते महिला क्लर्क गिरफ्तार
दुय्यम निबंधक कार्यालय हिंगना (रजिस्ट्रार ऑफिस) की वरिष्ठ महिला क्लर्क अलका रवींद्र फेंडर (52) को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया। आरोप है कि, अलका ने 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी। एसीबी से जुड़े सूत्रों के अनुसार पीड़ित (शिकायतकर्ता) वंजारी ले-आउट, यशोधरा नगर निवासी है। वह पेशे से वकील है।
दस्तावेज पंजीकृत करने मांगी रकम
महाजनवाड़ी, वानाडोंगरी, तहसील हिंगना में एक व्यक्ति (शिकायतकर्ता के ही पक्षकार) को जगह खरीदना है, इसके लिए शिकायतकर्ता ने अपने पक्षकार से वकालतनामा लिखवा लिया था कि, वह उनके लिए जमीन खरीदी संबंधी सभी कार्य करेंगे। इसके अनुसार शिकायकर्ता वकील ने पक्षकार के लिए एक खाली जगह खरीदने का सौदा दूसरे व्यक्ति के साथ किया। पश्चात जमीन खरीदी संबंधी दस्तावेज तैयार किए और दस्तावेज दुय्यम निबंधक कार्यालय, हिंगना में वरिष्ठ महिला क्लर्क अलका फेंडर को पंजीकृत करने के लिए दिए, लेकिन अलका ने शिकायतकर्ता से जगह के पक्के बिक्री पत्र पंजीकृत करने के बदले में 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी।
पहले 20 हजार रुपए मांगे थे
रकम अधिक बताने पर ना-नुकुर करने के बाद अलका 15 हजार रुपए में काम करने को तैयार हो गई। शिकायतकर्ता को रकम देने की इच्छा नहीं थी। उसने 2 जून को अलका के खिलाफ एसीबी कार्यालय में शिकायत की। शिकायत पर एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने एसीबी की पुलिस निरीक्षक संजीवनी थोरात को छानबीन कर कार्रवाई करने का आदेश दिया।
जांच में पुष्टि होने पर एसीबी ने दबोचा
जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर थोरात ने योजना बनाई और गुरुवार को अलका फेंडर को उनके ही कार्यालय में 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए धरदबोचा। हिंगना थाने में अलका फेंडर के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज किया गया है। एसीबी की पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेड़कर, अपर पुलिस अधीक्षक मिलिंद तोतरे के मार्गदर्शन में कार्रवाई की गई। हवलदार प्रवीण पडोले, नायब सिपाही सरोज बुधे, महिला नायब सिपाही रेखा यादव, सिपाही गीता चौधरी, प्रिया नेवरे ने सहयोग किया।
पेट्रोल पंप पर दिनदहाड़े लूटपाट
एक अपराधी अपने दो साथियों के साथ उज्ज्वल नगर, वर्धा रोड पर गुरुवार को दिनदहाड़े पेट्रोल पंप पर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया। लुटेरों ने एक कर्मचारी को चाकू से हमला कर जख्मी किया और उससे 1 हजार रुपए नकद छीनकर फरार हो गए। सोनेगांव पुलिस ने लूटपाट का मामला दर्ज किया। लुटेरो की धरपकड़ के लिए डीबी स्क्वॉड ने खोजबीन शुरू की और जल्द ही तीनों लुटेरों को धरदबोचा। गिरफ्तार लुटेरों का नाम अजय यादव (22), शिवनगांव, रूपेश वरणकर (28), पंचदीप नगर और अनिल वानखेड़े (29), सोमलवाड़ा निवासी है। रूपेश पुराना अपराधी है। रूपेश ने ही पेट्रोल पंप कर्मी दिवाकर तिवारी (44), मनीष नगर निवासी पर हमला किया था। आरोपियों की यह करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज ने सोनेगांव पुलिस को आरोपियों तक पहुंचाया।
पेट्रोल भरवाते समय हुई थी अनबन
बताया जाता है कि, आरोपी अजय यादव पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भराने आया था। इस दौरान उसकी कर्मचारी दिवाकर से अनबन होने के बाद वह चला गया। पश्चात कुछ देर में अपने साथी रूपेश और अनिल के साथ पेट्रोल पंप पर पहुंचा और लूटपाट की।
ग्राहकों को चाकू दिखाकर डराया
पुलिस के अनुसार यह पेट्रोल पंप रोहन सतीश राठोड़ का है। दोपहर करीब 1.30 बजे वारदात के समय पहले आरोपियों ने चाकू दिखाकर ग्राहकों को धमकाया। यह देखते ही ग्राहक बिना पेट्रोल भरवाए ही वाहन लेकर भाग खड़े हुए। पश्चात आरोपी ने दिवाकर को धमकाते उस पर वार कर दिया और एक हजार रुपए उससे छीनकर फरार हो गए। सूचना मिलते ही पुलिस निरीक्षक वर्षा देशमुख व डीबी स्क्वॉड के उप-निरीक्षक ढाकुलकर मौके पर पहुंचे। जख्मी कर्मचारी से पूछताछ की।
लोगों कोे तस्वीर दिखाकर की पूछताछ
फुटेज निकालकर आरोपियों के बारे में पुलिस ने आस-पास के क्षेत्रों में तस्वीर दिखाकर पूछताछ की और सुराग मिलते ही तीनों आरोपियों को दबोच लिया। धरपकड़ में हवलदार राजेश, नरेश, नायब सिपाही सुशील, मुकेश, सिपाही अनिल और रवींद्र ने सहयोग किया।