मतदान के बाद एक्टिव हुए क्रिमिनल्स, सट्‌टा जुआ के लौटे पुराने दिन

मतदान के बाद एक्टिव हुए क्रिमिनल्स, सट्‌टा जुआ के लौटे पुराने दिन

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-29 11:09 GMT
मतदान के बाद एक्टिव हुए क्रिमिनल्स, सट्‌टा जुआ के लौटे पुराने दिन

डिजिटल डेस्क,नागपुर। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ शुरु की थी। गली से लेकर कॉलोनियों तक में अपराधियों की खोजखबर ली। साफ है, पुलिस की एक्शन अपराधियों की बोलती बंद करा रही थी, लेकिन मतदान के बाद फिर से अपराधियों के पुराने दिन लौटते दिख रहे हैं। अपराधियों का गिरोह सक्रिय है। सट्‌टा जुआ का खेल फिर से पनपने लगा है। शहर के कुछ होटलों व आसपास के फार्महाऊस में बड़ी पार्टी का आयोजन होने लगा  है। हफ्ते भर का ही रिकार्ड देखा जाए तो शहर में अपराध के बढ़ते हुए तेवर का साफ अंदाजा हो जाता है। एक के बाद एक क्रिकेट बुकी पकड़े जा रहे है। बीयर बार में क्रिकेट सट्टा का अड्‌डा मिला है। 24 घंटे में हत्या की 4 वारदातें भी हुई है। अपराधियाें के बढ़ते हौंसलों का ही परिणाम माना जाये कि रात में पशु तस्कर बेखौफ वाहन दौड़ाते रहते हैं। पुलिस उनका पीछा करते रह जाती है। रात्रि गश्त , पेट्रोलिंग व नाकाबंदी की तमाम उपाय योजनाएं शिथिल सी हो गई है। जानकारों का कहना है कि चुनाव के दौरान पुलिस बंदोबस्त की जो स्थिति देखी गई वह हर समय देखने का मिलना चाहिए। 

शहर में हुई थी जमकर कार्रवाई
लोकसभा चुनाव के दौरान शहर में अपराधियों पर जमकर कार्रवाई हुई थी। पुलिस ने 1808 अपराधियों के विरुद्ध प्रतिबंधक, तड़ीपार व एमपीडीए की कार्रवाई की थी। स्लम क्षेत्र के बदमाशों को भी दबोचा गया। क्रिमिनल प्रोसिजर कोड सीआरपीसी की धारा 107 के अंतर्गत सर्वाधिक 638 कार्रवाई की गई। सीआरपीसी की धारा 110 के अंतर्गत 306,109 अंतर्गत 144 कार्रवाई की गई। मतदान तक 2 माह में 14 अपराधियों को तड़ीपार किया गया। एमपीडीए के तहत 3 अपराधियों के विरोध में कार्रवाई की गई। मोका की भी 3 कार्रवाई हुई। शस्त्र प्रतिबंधक कानून के तहत 72 से अधिक अपराधियों की धरपकड़ हुई। जुआं प्रतिबंधक कानून के तहत 220 जुआरी जेल भेजे गए। 

ग्रामीण में भी अपराधी नपे
ग्रामीण क्षेत्र में भी अपराधियों को बड़े पैमाने पर पकड़ा गया। चुनाव के लिए आचार संहिता लगने के बाद जिले में 2,117 अपराधियों के विरुद्ध प्रतिबंधक कार्रवाई की गई। कन्हान, खापरखेडा, कोंढाली, नरखेड, काटोल, खापा, मौदा में संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान रखा गया। 45 अपराधियों को तड़ीपार करने व  2 के मामले में एमपीडीए का प्रस्ताव भेजा गया। 652 अपराधियों से बांड लिखवाया गया। जिले में 120 लाससेंसी शस्त्रधारक हैं। उनमें से 94 के शस्त्र जमा कराए गए। शस्त्रों में बंदूक शामिल है। 

अब क्या
मतदान के बाद लगभग हर क्षेत्र में अपराधी सक्रिय नजर आने लगे हैं। मतदान के पहले ग्रामीण पुलिस ने लाससेंसी बंदूके बरामद की। लेकिन मतदान के बाद खापरखेडा में दिनदहाड़े फायरिंग की घटना हुई। शहर में लगभग हर रोज सट्‌टा बुकी पकड़े जा रहे हैं। हत्या की वारदात बढ़ी हैं। 24 घंटे में हत्या की 4 वारदातों ने तो पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर ही सवाल उठा दिए है। तड़ीपार अपराधियों की तड़ीपारी कटने लगी है या फिर वे तड़ीपार रहते हुए ही शहर में सक्रिय है। अपराधियों की मस्ती पार्टी का खुले तौर पर आयोजन होने लगा है। 

लौट आया फातोड़े, आंबेकर भी बिंदास
स्टाइलिश गैंगस्टर की पहचान रखने वाले संजय फातोड़े तड़ीपार काटकर लौट आया है। गैंगस्टर संतोष आंबेकर भी खुले घूम रहा है। जमीन हड़पने के मामले में आंबेडकर व फातोडे का नाम एक साथ चर्चा में रहा है। आंबेकर से चुनाव के दौरान धारा 110 के तहत केवल बांड लिखवाया गया था। एक लाख रुपये का बांड लिखवाया गया जिसमें शर्त रखी गई कि अपराध किये जाने पर एक लाख रुपये सरकार के खाते में जमा हो जाएगी। आंबेकर कुछ राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ फिर से सक्रिय है। फातोडे काे दो साल पहले तड़ीपार किया गया था। उसे अमरावती जिले में भेजा गया था। वह 27 अप्रैल को तड़ीपारी काटकर लौट आया है। अनिवासी भारतीय महिला की 8 करोड की संपति हड़पने के मामले में चर्चा में आया फातोडे आंबेकर के साथ भी प्रापर्टी मामले में फंसा था। बाउंसर की सुरक्षा में घूमनेवाल फातोड़े तब भी चर्चा में था जब मकोका मामले में रिहा होने पर उसे लिए लेने के लिए 50 से अधिक गाड़ियों का काफिला नागपुर जिल परिसर में पहुंचा था। फातोड़े ने नायक नहीं खलनायक हं के गाने पर डांस किया था। 

 

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