अमरावती जिले के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें पानी में

किसान आर्थिक संकट में अमरावती जिले के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें पानी में

Anita Peddulwar
Update: 2022-08-12 10:18 GMT
अमरावती जिले के 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें पानी में

डिजिटल डेस्क, अमरावती ।  जुलाई महीने के आखरी सप्ताह में जिले में हुई मूसलाधार बारिश के कारण अधिकांश खेतों में जलजमाव होने से फसलों का भारी नुकसान हुआ था। उस समय हुए नुकसान का सर्वेक्षण का काम चल ही रहा था कि इस सप्ताह फिर जिले के मोर्शी, वरुड़ क्षेत्र में अतिवृष्टि के साथ ही जिले के अधिकांश क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने के कारण फसलें पानी में चली गई। विभागीय कृषि विभाग के अनुसार बारिश में हुए फसलों के नुकसान का सर्वेक्षण 90 प्रतिशत हुआ है और प्राथमिक अनुमान के अनुसार जिले में 2 लाख हेक्टेयर पर फसलों का इस बारिश से नुकसान हुआ है। 

जिला कृषि अधिकारी अनिल खर्चान के अनुसार जिले में सोयाबीन, तुअर, कपास और संतरा फसलों का भारी नुकसान हुआ है। जिसमें सर्वाधिक नुकसान जुलाई माह में धामणगांव रेलवे तहसील में हुई अतिवृष्टि के कारण हुआ। धामणगांव रेलवे तहसील में अधिकांश किसानों के खेत से फसलें बह गई। इसके साथ ही  मोर्शी, तिवसा, चांदुर बाजार और नांदगांव खंडेश्वर क्षेत्र में भी फसलों की स्थिति एक समान नजर आ रही है। गुरुवार को कृषि अधिकारी खर्चान जिले के वायगांव व कामंुजा क्षेत्र के सर्वेक्षण दौरे पर थे। उनके अनुसार उन्होंने अब तक इस क्षेत्र में जो सर्वे किया उसके अनुसार लगभग सभी खेतों में इतना पानी जमा है कि इस पानी काे बाहर निकालने की कोई व्यवस्था नहीं है। खेतों में पानी जमा रहने से इन फसलों का विकास अब होने की संभावना नहीं है और जो कुछ फसलें है, वह अधिकतर समय पानी में रहने से पीली पड़ने लगेगी। जिला कृषि अधिकारी के अनुसार अमरावती जिले की 2 लाख हेक्टेयर फसलों का नुकसान होने से किसानों के सामने फिलहाल संकट कायम है। 

इससे पूर्व हुए नुकसान का कुछ मुआवजा दिया गया
पिछले माह हुए नुकसान का सर्वेक्षण करने के बाद रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपी गई थी। उस समय जो नुकसान हुआ, उसमें से कुछ किसानों को मदद दी जा चुकी है। लेकिन उन्हीं क्षेत्रों में फिर एक बार बारिश ने कहर बरपाया है।  - अनिल खर्चान, कृषि अधिकारी, अमरावती
 

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