पत्नी से क्रूरता की हदें पार की, कोर्ट से राहत नहीं

नागपुर पत्नी से क्रूरता की हदें पार की, कोर्ट से राहत नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2022-12-05 05:04 GMT
पत्नी से क्रूरता की हदें पार की, कोर्ट से राहत नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर । अपनी पत्नी के साथ मानसिक और शारीरिक क्रूरता की सारी हदें पार करने वाले पति और ससुराल वालों को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने कोई भी राहत देने से इनकार किया है। आरोपियों के खिलाफ शहर के जरिपटका पुलिस थाने में दर्ज मामले को खारिज करने से हाई कोर्ट ने साफ इनकार कर दिया है। इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर 25 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई है।

पत्नी के रहते दूसरा विवाह किया : पीड़िता के अनुसार उसका पति और ससुराल के अन्य सदस्य उसे शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना देते थे। उसका पति इतना क्रूर था कि जब पीड़िता गर्भवती थी, तब भी वह जबरन शारीरिक संबंध स्थापित करता था, जिससे उसके गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई। ससुराल वाले भी उसे प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। यहां तक कि पति ने दूसरा विवाह भी कर लिया, जिसमें ससुराल वालों ने पूरा सहयोग किया। दूसरी पत्नी को यह बताया गया कि आरोपी की पहली पत्नी की मृत्यु हो गई है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट ने यह याचिका खारिज कर दी।

विवाह एक पवित्र बंधन : पति के दूसरे विवाह को लेकर भी हाई कोर्ट ने अपना निष्कर्ष दिया है। हाई कोर्ट ने कहा एक पत्नी के होते हुए दूसरा विवाह न केवल कानून की दृष्टि में अवैध है, बल्कि पहली पत्नी पर सबसे बड़ी क्रूरता भी है। आरोपियों के वकील ने बचाव में दलील दी कि आरोपी की दूसरी पत्नी पढ़ी-लिखी महिला थी, उसे विवाह करने के पहले आरोपी की पृष्ठभूमि जांच लेनी चाहिए थी, लेकिन कोर्ट ने इस दलील को खारिज किया। कहा कि भारत में विवाह एक पवित्र बंधन है, जिसमें पति और पत्नी दोनों को एक-दूसरे के साथ इमानदारी बरतनी चाहिए। इस मामले में आरोपी ने दूसरी पत्नी के साथ भी विश्वासघात किया है।
 

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