अनाथ को मारकर इनामी डकैत का नाम दिया- जिंदा है छोटू कोल, 4 माह बाद सामने आया सच

अनाथ को मारकर इनामी डकैत का नाम दिया- जिंदा है छोटू कोल, 4 माह बाद सामने आया सच

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-10 07:43 GMT
अनाथ को मारकर इनामी डकैत का नाम दिया- जिंदा है छोटू कोल, 4 माह बाद सामने आया सच
हाईलाइट
  • 4 माह पूर्व डकैत छोटू कोल के गैंगवार में मारे जाने का दावा उत्तरप्रदेश पुलिस ने किया था

डिजिटल डेस्क सतना। लगभग 4 माह पूर्व कर्वी जिले के जंगलों में 10 हजार के इनामी डकैत छोटू कोल के गैंगवार में मारे जाने का दावा उत्तरप्रदेश पुलिस ने किया था, लेकिन हकीकत में वह मरा ही नहीं था। पुलिस के एक मुखबिर विनय कुमार शुक्ला पुत्र दयाशंकर निवासी देऊरा थाना रैपुरा ने अपना रूतबा बढ़ाने के लिए हरियाणा निवासी सुल्तान उर्फ अनिल को गोली मारकर मौत के घाट उतारने के बाद चेहरा विकृत कर दिया था, फिर डकैत के पिता नंदा कोल निवासी चमरौहां थाना मानिकपुर को अपने साथ मिलाकर लाश पर दावा करा दिया। हालाकि तब चित्रकूट पुलिस ने पहचान की पुष्टि के लिए डीएनए टेस्ट का फैसला कर मृतक व नंदा कोल के खून के नमूने ले लिए थे। यह सनसनीखेज खुलासा तब हुआ, जब बांदा पुलिस ने अपने यहां दर्ज एक प्रकरण में फरार चल रहे बदमाश विनय शुक्ला को बदौसा क्षेत्र में दतौरा से दबोच लिया। इस दौरान आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग की, लेकिन भागने की कोशिश में सफल नहीं हो पाया।

पूछताछ में किया खुलासा
पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद  विनय ने बताया कि हरियाणा के एक शहर में ईट- में नौकरी करते समय अनिल की दोस्ती बरेठी निवासी जमुना प्रसाद उर्फ बोस से हो गई थी, जिसके साथ वह चित्रकूट आ गया। यहां पर विनय को पता चला कि अनिल के आगे-पीछे कोई नहीं है, लिहाजा उससे दोस्ती कर भरोसा जीत लिया और 22 जुलाई को नृशंस हत्या कर दी।

ददुआ ने पिता को उतारा था मौत के घाट
पुलिस के मुखबिर विनय के पिता दयाशंकर शुक्ला को 21 वर्ष पूर्व मुखबिरी के संदेह पर ददुआ ने राधे कुर्मी, सीताराम व अन्य के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया था। इसी रंजिश के चलते युवक ने लम्बे समय तक मुखबिरी कर ददुआ गिरोह के कई डकैतों को पकड़वाया था, करीब 4 साल पहले रामफल प्रजापति नामक ग्रामीण की दुनाली बंदूक छीनकर वह गौरी यादव के गिरोह में शामिल हो गया था, उसने पे्रेमिका को हासिल करने के लिए उसके भाई का भी अपहरण कर लिया था। हालांकि ये मामले पुलिस रिकार्ड में नहीं आए। विनय पर रेप व हत्या के प्रयास समेत 4 मामले दर्ज हैं। इस खुलासे ने उत्तरप्रदेश पुलिस के खूफिया तंत्र की पोल खोलकर रख दी है, वहीं मुखबिरों पर हद से ज्यादा भरोसे के चलते साख पर भी बट्टा लग गया है।

 

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