दैनिक भास्कर का सोसाइटी इवेंट रहा खास, प्रेजेन्ट में रहकर पॉजिटिविटी के साथ जीने के बताए टिप्स

दैनिक भास्कर का सोसाइटी इवेंट रहा खास, प्रेजेन्ट में रहकर पॉजिटिविटी के साथ जीने के बताए टिप्स

Anita Peddulwar
Update: 2019-04-23 07:39 GMT
दैनिक भास्कर का सोसाइटी इवेंट रहा खास, प्रेजेन्ट में रहकर पॉजिटिविटी के साथ जीने के बताए टिप्स

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सभी को प्रेजेन्ट में पॉजिटीविटी के साथ जीना जरूरी है। कई बार देखा जाता है कि, हमारे डिसिजन पास्ट से रिलेटेड होते हैं, जिसके कारण परेशानियाें का सामना भी करना पड़ता है। कई बार पास्ट अच्छा होता है और कई बार बुरा भी। इसलिए प्रेजेन्ट में रहने के साथ ही प्रेजेन्ट में ही जीना चाहिए। ‘दैनिक भास्कर सोसायटी इवेंट’ के अंतर्गत प्रीतम कॉम्प्लेक्स, सुदर्शन चौक, हरिहर मंदिर में अपेक्स माइंड एन माइन काउंसलिंग पॉलिक्लीनिक के किरीट ठक्कर  ने वर्कशॉप मे माध्यम से  विभिन्न बातों की जानकारी दी। वर्कशॉप में आना पान, कानगोष्ठी, प्रेजेन्ट में जीना, जजमेंटल नहीं होना आदि के बारे में जानकारी दी गई। 

सेल्फ अवेयरनेस टेक्नीक भी
कार्यक्रम में उपस्थितों को 'आनापान' करवाया गया जिसमें सभी को मेडीटेशन करने के लिए कहा गया। 'आनापान' को डॉ. यशस्वी मराठे द्वारा कंडक्ट किया गया। इसके साथ ही डॉ. प्रफुल्ल गोरेगांवकर और भगवान कारगांवकर ने "कानगोष्ठी' कराई। कान में 20 लोगों ने भाग लिया। कानगोष्ठी में पहले व्यक्ति को एक बात कहीं गई, लेकिन वह बात 20 नंबर तक पहुंचते-पहुंचते पूरी तरह से बदल गई। कानगोष्ठी कराने का उद्देश्य था कि, हम प्रेजेन्ट में नहीं जीते हैं। हमारे दिमाग में पुरानी बात चलती हैं, जिसको सोचते हुए हम अपनी बात को सोचते हैं और वह बात पूरी तरह से बदल जाती है। 

ताकि सभी वर्कशॉप में ध्यान दें
वर्कशॉप में लोगों के ध्यान लाने के लिए गेम खिलाया गया, ताकि सभी लोगों का ध्यान वर्कशॉप की तरफ हो। पल्लवी ठक्कर ने वर्कशॉप को कंडक्ट किया। इसमें लोगों से विभिन्न सवाल पूछे गए, जिसमें उनका पसंदीदा कलर, पसंदीदा एक्टर, पसंदीदा फ्लॉवर आदि पूछे गए और सभी का ध्यान वर्कशॉप की तरफ लाया गया।

बिग बॉस को फालो किया
'बिग बॉस' सेशन में सभी को इंस्ट्रक्शन्स दिया गया कि, बिग बॉस जो भी कहते हैं उसे फॉलो करना है। इसमें लोगों से कहा गया कि, बिग बॉस कह रहे हैं कि, आप हंसों तो सभी हंसने लगे, इसी तरह तीन चार बातें बिग बॉस के नाम से कहीं गईं, तो सभी ने उनको फॉलो किया और लास्ट में कहा कि, बॉस कह रहे हैं कि, आप खड़े हो जाओ, तो किसी ने इंस्ट्रक्शन को फॉलो नहीं किया। इसके साथ ही वर्कशॉप के लास्ट सेशन में देवयानी जोशी द्वारा क्लैपो कराया गया, इस एक्टीविटी को सभी ने एंजॉय करते हुए डांस, फन और मस्ती की। 

जजमेंटल से आते हैं निगेटिविटी
वर्कशॉप में एक सेशन ऐसा रखा गया जिसमें लोगों के नेचर के बारे में बताया गया, जिसमें उदाहरण दिया गया कि, अगर बच्चे के स्कूल से फोन आता है और उन्हें स्कूल बुलाया जाता है तो पैरेन्ट्स को यही लगता है कि, बच्चे  की कम्प्लेंट के बारे में ही बुलाया गया है और उनके मन में बच्चे के बारे में नेगेटिव ख्याल आने लगते हैं। इस वर्कशॉप को कंडक्ट करते हुए पल्लवी ठक्कर ने बताया कि, 'जजमेंटल नहीं होना' चाहिए। अगर स्कूल से फोन आता है तो ये भी हो सकता है कि, बच्चे ने कुछ अच्छा किया है और आगे किस तरह उसे बढ़ाना है, उसके बारे में चर्चा के लिए फोन आया हो। 
 

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