दैनिक भास्कर ने केरल के श्री शंकराचार्य संस्कृत यूनिवर्सिटी को भेजी किताबें, बाढ़ से आए संकट से उबारने में बढ़ाए मदद के हाथ
दैनिक भास्कर ने केरल के श्री शंकराचार्य संस्कृत यूनिवर्सिटी को भेजी किताबें, बाढ़ से आए संकट से उबारने में बढ़ाए मदद के हाथ
डिजिटल डेस्क, नागपुर। केरल बाढ़ त्रासदी के कारण वहां के कालडी स्थित श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की सारी की सारी किताबें भीग कर लुगदी बन गईं । दैनिक भास्कर ने हिंदी विभाग की मदद के लिए एक पहल की थी, जिसे नागरिकों का भरपूर सहयोग मिला। सभी के सहयोग से हिंदी विभाग के लिए आवश्यक किताबों के 25 पैकेट हमने श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग तक पहुंचाए। दैनिक भास्कर की ओर से हेमराज महतो ने कालडी जा कर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पी. के. धर्मराजन को यह किताबें सौंपी। इस दौरान उपकुलपति डॉ. रवि कुमार, विभागाध्यक्ष डॉ. शांति नायर, सिंडिकेट सदस्य गोपाल कृष्णन और पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. पी. रवि भी उपस्थित थे।
अभी और किताबों की जरूरत
नागपुरवासियों द्वारा भेजी गईं किताबों से समस्त विद्यार्थियों और शिक्षकों के चेहरों पर खुशी झलक रही थी, लेकिन हमें हिंदी विभाग की और मदद करनी होगी। विश्वविद्यालय की परीक्षाएं सिर पर हैं और अभी भी एमए (पोस्ट ग्रेजुएशन) के विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त किताबें उपलब्ध नहीं हैं। एमए हिंदी के लिए हिंदी साहित्य का इतिहास, प्रारूप, मध्ययुगीन कविताएं, हिंदी नाटक, कहानियां, उपन्यास, आधुनिक कविताएं जैसे विषयों की किताबों की और पीएचडी एवं एम. फिल के लिए शोध पत्रिकाओं से लेकर शोध सामग्री की जरूरत है। इसी तरह विभाग को ‘वे लौटेंगे फिर, एक युग के बाद, माटी की गुड़िया, धरती का अधखिला फूल, अब और नहीं, मैं शंख वो महाशंख’ जैसी ढेरों पुस्तकें, उपन्यास और रचनाओं की जरूरत है।
मदद जारी रखिए
अापके द्वारा भेजी गई किताबों के सहारे सैकड़ों विद्यार्थियों और शोधार्थियों का भविष्य संवरने लगा है। अपनी मदद जारी रखिए। अगर आपके पास एमए हिंदी पोस्ट ग्रेजुएशन, एमफिल, पीएचडी की पढ़ाई से जुड़ा साहित्य है, तो हिंदी विभाग तक उसे पहुंचाइए। विभाग प्रमुख डॉ. शांति नायर के ई-मेल आईडी shantinairkerla@gmail.com पर आप उनसे संपर्क कर सकते हैं। आप किताबों को हिंदी विभाग, श्री शंकराचार्य यूनिवर्सिटी ऑफ संस्कृत, कालडी, केरल
(पिन कोड.683574) के पते पर भेज सकते हैं।