मध्य प्रदेश के बांधों को बम विस्फोट, जहर और आगजनी का खतरा

मध्य प्रदेश के बांधों को बम विस्फोट, जहर और आगजनी का खतरा

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-20 10:21 GMT
मध्य प्रदेश के बांधों को बम विस्फोट, जहर और आगजनी का खतरा

डिजिटल डेस्क, भोपाल। आपदा प्रबंधन के लिए राज्य सरकार ने कार्य योजना जारी की है, जिसमें प्रदेश में स्थित सत्रह निर्मित वृहद बांधों तथा 20 निर्माधीन वृहत बांधों को मानव निर्मित आपदाओं के जोखिम के अंतर्गत बम विस्फोट, जहर डालने आर आगजनी के खतरे बताए गए हैं।

राज्य के जल संसाधन विभाग के कार्यालय जल मौसम द्वारा जारी कार्य योजना में बताया गया है कि बम विस्फोट से बांधों के क्षतिग्रस्त होने, बांध के विफल होने एवं बांध के निचले हिस्से के जलमग्न होने के खतरे हैं, जबकि केमिकल हेजार्ड के अंतर्गत बांध के जल का विषाक्त (जहरीले) होने का खतरा है। जिससे जहरीला जल पीने से जान जाने का जोखिम है।

इसी प्रकार आगजनी से बांध के बिजली उत्पादन केन्द्रों में टरबाईन एवं अन्य मशीनों का क्षतिग्रस्त होने का खतरा है जिससे कार्यस्थल पर उपस्थित लोगों की जान जाने का जोखिम है। कार्य योजना में प्रदेश के सभी 51 जिलों को जोखिम या आपदा की संभावना के हिसाब से उनकी वर्गीकरण भी किया गया है। जबलपुर, दमोह, नीमच, मंदसौर, देवास, धार, खरगौन, बड़वानी, हरदा, होशंगाबाद, कटनी, नरसिंहपुर, मंडला, छिन्दवाड़ा, बालाघाट, झाबुआ, अलीराजपुर, खण्डवा तथा बुरहानपुर कुल 19 जिलों में बाढ़ आने का उच्च जोखिम बताया गया है।

सूखे का उच्च जोखिम आठ जिलों सतना, धार, बड़वानी, राजगढ़, मंडला, सिवनी, झाबुआ तथा अलीराजपुर में बताया गया है। भूकंप के उच्च खतरे में कोई जिला नहीं है परन्तु मध्यम खतरे के अंतर्गत सागर, दमोह, उमरिया, देवास, धार, इंदौर, खरगौन, बड़वानी, सीहोर, रायसेन, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, डिण्डौरी, मंडला, छिन्दवाड़ा, सिवनी, शहडोल, अनूपपूर, सीधी, सिंगरौली, झाबुआ, अलीराजपुर, खण्डवा एवं बुरहानपुर कुल 28 जिले बताए गए हैं।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने विभिन्न आपदाओं से होने वाली आर्थिक एवं सामाजिक क्षति से बचने के लिए वर्ष 2015 से 2030 तक पन्द्रह सालों में सभी राज्यों से उपाय करने के लक्ष्य दिया है। इसके निर्देश और आवश्यक दस्तावेज आने में समय लग गया जिससे तीन साल बाद राज्य सरकार ने आपदा से बचाव के लिए कार्ययोजना तैयार की है।

जल संसाधन विभाग मप्र के संचालक जीपी सोनी ने मामले में कहा है कि ‘‘आपदा के आकलन एवं उससे बचाव के लिए कार्ययोजना जारी की गई है। इस पर जल संसाधन विभाग के सभी मुख्य अभियंताओं से अभिमत लिया जा रहा है तथा अभिमत लेने के बाद जल्द इस कार्ययोजना को अंतिम रुप दे दिया जाएगा।’’

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