गड़चिरोली में नशामुक्ति का आंदोलन बना ‘मुक्तिपथ’

गड़चिरोली गड़चिरोली में नशामुक्ति का आंदोलन बना ‘मुक्तिपथ’

Anita Peddulwar
Update: 2022-05-02 09:37 GMT
गड़चिरोली में नशामुक्ति का आंदोलन बना ‘मुक्तिपथ’

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली।  आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में वर्ष 1993 में शराबबंदी कानून लागू किया गया। बावजूद इसके आज भी शहरों व गांवों में बड़ी मात्रा में शराब की बिक्री शुरू है। शराब के साथ सुगंधित तंबाकू की बिक्री चरम पर पहुंच गयी हंै। ग्रामीण इलाकों के नागरिक विभिन्न प्रकार के नशे के आदी हो गये है। इसी नशे की लत से लोगों को मुक्त करने के लिए पद्मश्री डा. अभय बंग की संकल्पना से गड़चिरोली जिले में मुक्तिपथ अभियान आरंभ किया गया हैं, जो आज एक आंदोलन की तरह गांवों में सक्रिय रूप से जनजागृति कर रहा है। पिछले तीन वर्षों की कालावधि में जिले की कुल 457 ग्राम पंचायतों में से 243 ग्राम पंचायतों में मुक्तिपथ की समितियों का गठन किया गया। इन समितियों के माध्यम से लोगों को नशे की लत से छूड़ाने के साथ शराब व सुगंधित तंबाकू की अवैध बिक्री पर रोंक लगाने का कार्य किया जा रहा है। इन समितियों में ग्रापं सरपंच, उपसरपंच, ग्रापं सदस्य, पुलिस पटेल और आम लोगों का समावेश किया गया है।

तहसील और जिला स्तर पर कार्यरत मुक्तिपथ की टीम के माध्यम से समितियों के पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है। गांव की शराब बिक्री बंद करना, सुगंधित तंबाकू विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई करना, विक्रेताओं को सरकारी योजनाओं से वंचित रखना, गांव में शराब पीकर आने वाले लोगों से जूर्माना वसूलना, लगातार सूचना देने के बाद भी शराब बिक्री बंद न करने पर संबंधित विक्रेता के खिलाफ पुलिस में शिकायत करना आदि कार्य समिति के माध्यम से किये जा रहें है। समिति द्वारा किये जा कार्यों के चलते एटापल्ली तहसील के अतिदुर्गम सोहगांव ग्रापं के भापड़ा गांव ने शराब बनाना और उसकी िबक्री करना बंद कर दिया है। सिनभट्‌टी और पड़ोली गांव ने सुगंधित तंबाकू की बिक्री बंद की। तोड़सा ग्रापं के पेठा गांव ने देसी और अंगरेजी शराब की बिक्री बंद कर दी। इसी तरह जिले के अन्य गांवों के लोगांे भी अपने-अपने गांवों के अवैध धंधों पर लगाम कसा। जिले की सभी 12 तहसीलों के 243 ग्रापं में इस तरह की समितियों का गठन किया गया है। जिसमें गड़चिरोली में 41, देसाईगंज 17, आरमोरी 21, कुरखेड़ा 26, कोरची 12, धानोरा 24, चामोर्शी 21, मुलचेरा 9, एटापल्ली 28, भामरागढ़ 5, अहेरी 21 और सिरोंचा तहसील की 18 ग्रापं स्तर पर समितियों का गठन किया गया है। 

नशामुक्ति के िलए ग्रामीणों  का सहयोग जरूरी 
ग्रापं स्तर पर गठित की गई समिति के पदाधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है। गांवों में पहुंचकर निरंतर जनजागृति का कार्य भी जारी है, मात्र गांव के लोगों को नशामुक्त बनाने के लिए पहले लोगों के सहयोग की आवश्यकता होती है। यदि आम नागरिकों ने मन बनाया तो समूचे जिला नशामुक्त बन पाएगा।  - डाॅ. मयूर गुप्ता, संचालक मुक्तिपथ अभियान गड़चिरोली

 
 

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