देर रात तक जलाए जा रहे शव, गंगाबाई व मोक्षधाम घाट पर बढ़ गया लोड

देर रात तक जलाए जा रहे शव, गंगाबाई व मोक्षधाम घाट पर बढ़ गया लोड

Anita Peddulwar
Update: 2020-09-15 09:12 GMT
देर रात तक जलाए जा रहे शव, गंगाबाई व मोक्षधाम घाट पर बढ़ गया लोड

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गंगाबाई घाट व मोक्षधाम घाट पर क्षमता से ज्यादा शव लाए जा रहे हैं। रात 11 बजे तक शव जलाए जा रहे हैं। सामान्य मौतों के अलावा कोविड से मरने वालों को भी गंगाबाई व मोक्षधाम घाट पर ही लाया जा रहा है। कोविड से मरने वाले अधिकांश लोगों को इन दोनों ही घाटों पर लाने से परिसर के लोग भी सकते में आ गए हैं। दोनों घाटों पर हर दिन 50-50 या उससे ज्यादा शव लाए जा रहे हैं।

शव बढ़ने की वजह
मेयो व मेडिकल अस्पताल में इलाज के दौरान कोरोना रोगी की मौत होने पर उसे गंगाबाई व मोक्षधाम घाट पर लाया जा रहा है। यहां डीजल व गैस भट्ठी भी उपलब्ध है। एक श‌व को डीजल भट्ठी में जलाने में करीब एक घंटा लगता है।  10 शव डीजल भट्टी में जलाए तो 10 घंटे लग जाते हैं। देर रात तक काम चलने से घाट पर काम करने वाले भी परेशान हो गए हैं।

दोनों घाटों पर 25-25 चबूतरे
गंगाबाई व मोक्षधाम घाट पर 25-25 चबूतरों की व्यवस्था है। यानी इतने शव या इससे थोड़े ज्यादा शव पहुंचे तो समस्या नहीं होती आैर श‌व जलाने का काम शाम 6 बजे तक पूरा हो जाता है। वर्तमान में यहां 50-50 या उससे ज्यादा शव पहुंच रहे हैं। सामान्य मौत व कोविड से मरने वालों को भी यहां लाया जा रहा है। श‌वों की संख्या बढ़ने से शव जलाने का काम रात 11 बजे तक चल रहा है। ये दोनों घाट घनी बस्ती में हैं आैर आस-पास रहने वाले लोग सकते में आ गए हैं। 

अन्य जगह भी हो कोविड शवों को जलाने की व्यवस्था 
मेयो व मेडिकल अस्पताल में कोविड से मरने वालों को सीधे गंगाबाई या मोक्षधाम घाट पर लाया जा रहा है। दोनों ही घाटों पर हर दिन क्षमता से ज्यादा श‌व लाए जा रहे हैं। परिसर के लोग डरे हुए हैं। कोविड से मरने वालों को अन्य घाटों पर जगह उपलब्ध कराएं या मेयो, मेडिकल में डीजल भट्ठी की व्यवस्था करनी चाहिए। इस बारे में मनपा प्रशासन से निवेदन किया गया है। हर दिन देर रात तक शव  जलते रहना ठीक नहीं है।
-नाना झाेड़े, पूर्व पार्षद व पूर्व नागपुर अध्यक्ष, राष्ट्रीय आेबीसी महासंघ

अन्य घाटों में भी व्यवस्था हो रही है 
किसी एक घाट पर लोड न बढ़े, यह हमारी नीति है। गंगाबाई, मोक्षधाम, अंबाझरी व अन्य घाटों पर भी डीजल भट्ठी उपलब्ध है। कोविड से मरने वालों को गंगाबाई व मोक्षधाम पर ही ले जाना जरूरी नहीं है। क्षमता से ज्यादा शव चुनिंदा घाट पर ही न पहुंचे, इसलिए कोविड से मरने वालों को अन्य घाटों पर भी ले जाने की व्यवस्था हो रही है।  सोमवार को कोविड से मरने वाले को वैशाली नगर घाट पर ले जाया गया। 
-राम जोशी, अतिरिक्त आयुक्त, मनपा नागपुर

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