रक्षामंत्री सीतारमण का अमरावती दौरा अचानक रद्द, अब सियासी गलियारों में उठ रहे सवाल

रक्षामंत्री सीतारमण का अमरावती दौरा अचानक रद्द, अब सियासी गलियारों में उठ रहे सवाल

Tejinder Singh
Update: 2018-09-10 16:07 GMT
रक्षामंत्री सीतारमण का अमरावती दौरा अचानक रद्द, अब सियासी गलियारों में उठ रहे सवाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण का अमरावती दौरा रद्द हो गया है। मंगलवार को होने वाले इस दौरे को लेकर सोमवार की शाम तक अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया। लेकिन प्रशासन से जुड़े सूत्र बताते रहे कि दौरा रद्द हो गया है। हालांकि यह दौरा सरकारी या राजनीतिक नहीं था। लेकिन अचानक दौरा रद्द होने को लेकर राजनीतिक सवालों को बल िमलने लगा है। दावा किया जा रहा है कि संघ,राफेल व अन्य मामलों को लेकर भाजपा व केंद्र सरकार किसी भी तरह के सवाल को बल नहीं मिलने देना चाहती है। इसी के तहत दिल्ली में आवश्यक बैठक का हवाला देकर रक्षामंत्री को अमरावती जाने से रोका गया।

गौरतलब है कि अमरावती के सांस्कृतिक भवन में अहिल्यादेवी फाउंडेशन की ओर से सत्कार कार्यक्रम में रक्षामंत्री शामिल होनेवाली थी। दोपहर 2 बजे से कार्यक्रम में उपस्थित रहना तय भी हो गया था लेकिन अचानक दौरा रद्द कर दिया गया। राजनीतिक मामलों के जानकारों की मानें तो यह दौरा काफी महत्वपूर्ण था। राफेल मामले पर देश की निगाह लगी है। लग रहा था कि रक्षामंत्री इस मामले पर नागपुर में आकर सरकार का पक्ष प्रमुखता से रखेगी। दरअसल राफेल विमान सौदा मामले पर केंद्र सरकार के विरोध का केंद्र नागपुर बन रहा है। पूर्व केंद्रीय वित्त व गृहमंत्री पी.चिंदबरम, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल के अलावा कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी नागपुर में आकर राफेल मामले पर केंद्र सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुके हैं। राफेल के लिहाज से नागपुर का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि राफेल के पार्टस निर्माण का कार्य यहां हो रहा है।

मिहान में राफेल के पार्टस निर्माण कार्य के अलावा रिलायंस एयरोस्पेस को निर्माण कार्य के लिए सरकार ने मंजूरी दी है। राष्ट्रीय राजनीति के मामले में काफी महत्वपूर्ण राफेल मामले में रक्षामंत्री कुछ प्रमुख अधिकारियों व जानकारों से चर्चा कर सकती थी। इससे पहले मई 2018 में वे सामान्य विमान सेवा से नागपुर पहुंची थी। सीधे  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय में पहुंची थी। संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के साथ चर्चा के बाद व्यावसायिक विमान सेवा के माध्यम से वे दिल्ली रवाना हुई थी। माना जा रहा है कि संघ, राफेल  के मामले पर अधूरी चर्चा को पूरा करने के लिए भी रक्षामंत्री यहां प्रयास करती।

 

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