मालेगांव बम धमाके के मुकदमे की इन कैमरा सुनवाई की मांग

 कर्नल पुरोहित ने विशेष अदालत में दायर किया आवेदन मालेगांव बम धमाके के मुकदमे की इन कैमरा सुनवाई की मांग

Anita Peddulwar
Update: 2022-01-11 13:59 GMT
मालेगांव बम धमाके के मुकदमे की इन कैमरा सुनवाई की मांग

डिजिटल डेस्क, मुंबई ।  साल 2008 के मालेगांव बम धमाके मामले में आरोपी कर्नल प्रसाद पुरोहित ने मुंबई में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) की विशेष अदालत में आवेदन दायर कर इस मामले के मुकदमे की सुनवाई इन कैमरा करने का आग्रह किया है। पुरोहित ने आवेदन में दावा किया है कि मीडिया मालेंगाव धमाके से जुड़े मुकदमे की सुनवाई को लेकर बहस व चर्चा आयोजित कर रही है। जिस पर  एनआईए की विशेष अदालत ने साल 2019 में प्रतिबंध लगाया था। लिहाजा न्याय के हित में इस मामले की सुनवाई को अदालत के कक्ष तक ही सीमित रखा जाए। जनमत बनाने वाले व राष्ट्र विरोधी अवसरवादियों को इस प्रकरण के मुकदमे को हाइजैक न करने दिया जाए। 

गौरतलब है कि एनआईए ने भी साल 2019 में इस मामले की सुनवाई इन कैमरा करने का आग्रह  किया था जिसका पत्रकारों ने विरोध किया था। कोर्ट ने एनआईए के इस आवेदन को खारिज कर दिया था लेकिन मीडिया को कई पांबदियों के साथ रिपोर्टिंग की इजाजत दी थी। जिसके कोर्ट ने साफ किया था कि मीडिया मामले से जुड़े किसी भी गवाह की पहचान को सार्वजनिक नहीं करेगा। इसके साथ ही   कोर्ट ने कहा था कि प्रकरण से जुड़े मुकदमे को  लेकर मीडिया किसी प्रकार की बहस व चर्चा का आयोजन न करे। 

पुरोहित ने अपने आवेदन में कहा है कि मीडिया कोर्ट की ओर से साल 2019 में दिए गए निर्देशों का उल्लंघन कर रहा है। इसलिए मीडिया को मामले की रिपोर्टिंग को लेकर दी गई अनुमति को पूरी तरह से वापस ले लिया जाए। और न्यायहित में मुकदमे की सुनवाई इन कैमरा की जाए। पुरोहित के इस आवेदन का प्रकरण से जुड़े दूसरे आरोपी समीर कुलकर्णी ने विरोध किया है। कोर्ट ने फिलहाल एनआईए व दूसरे आरोपियों को पुरोहित के आवेदन पर जवाब देने का निर्देश दिया है। 

गौरतलब है कि एनआईए कोर्ट में रोजाना मालेगांव बम धमाके मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले में कुल 222 गवाह है। जिसमें से 16 गवाह अपने बयान से मुकर गए है। साल 2008 में मालेगांव में हुए बम धमाके मामले में सौ से अधिक लोग घायल हो गए थे जबकि 6 लोगों की मौत हो गई थी। पुरोहित के अलावा इस मामले में भारतीय जनता पार्टी की सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भी आरोपी है। मामले से जुड़े आरोपियों के खिलाफ अवैध गतिविधि प्रतिबंधक कानून व भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है। 
 

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