नागपुर का डेंटल हॉस्पिटल अब बनेगा  अपग्रेड सुपर स्पेशलिटी

नागपुर का डेंटल हॉस्पिटल अब बनेगा  अपग्रेड सुपर स्पेशलिटी

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-08 10:48 GMT
नागपुर का डेंटल हॉस्पिटल अब बनेगा  अपग्रेड सुपर स्पेशलिटी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी का डेंटल हॉस्पिटल अब सुपर बनने जा रहा है। डेंटल हॉस्पिटल का विस्तार कर एक नया अपग्रेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बनाया जाएगा। दंतशास्त्र की अत्याधुनिक सेवा इस अस्पताल में उपलब्ध कराई जाएगी। इनप्लांट सेंटर, मैक्सिलो फेशियल प्रोस्थेसिस, कैड-कैम, 2 प्री-क्लीनिकल लैब, आडियो-वीडियो युक्त 4 लेक्चरर रूम, परीक्षा के लिए स्वतंत्र व्यवस्था अपग्रेड सुपर स्पेशलिटी डेंटल हॉस्पिटल की विशेषता रहेगी। शासकीय डेंटल कॉलेज एंड अस्पताल सन् 1968 में स्थापित हुआ। पुराने ढर्रे पर चल रहे डेंटल हॉस्पिटल का अब विस्तार होने जा रहा है।

एक नए अपग्रेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल को सरकार से हरी झंडी मिल गई है। इमारत और अन्य संसाधनों के लिए 33 करोड़ की निधि मंजूर की गई, इसमें इमारत निर्माण के लिए 22 करोड़ और अन्य संसाधनों के लिए 9 करोड़ की निधि को मंजूरी दी गई है। निर्माणकार्य के लिए पहली किश्त 2.25 करोड़ रुपए आवंटित हो चुके हैं। जनवरी महीने के पहले सप्ताह में इमारत के भूमिपूजन की तिथि तय करने के संकेत मिले हैं।

क्या है खास
22 हजार स्क्वेयर फीट में 5 मंजिला ग्रीन बिल्डिंग निर्माण की जाएगी। इसमें एक मंजिल पर परीक्षा के लिए प्रशस्त हॉल का निर्माण किया जाएगा। 4 लेक्चरर रूम रहेंगे, जो आडियो-वीडियो युक्त होंगे। 2 प्री-क्लीनिकल लैब होंगे, जो डिजिटल रहेंगे। लैब में की गई टेस्ट रिपोर्ट सीधे संबंधित विभाग में ऑनलाइन देखी जा सकेगी। दांत का प्रत्यारोपण करने के लिए इनप्लांट सेंटर बनाया जाएगा, इसमें प्रशिक्षणार्थियों के लिए फेलोशिप सुविधा उपलब्ध रहेगी। मैक्सिलो फेशियल प्रोस्थेसिस सुविधा रहेगी। इसमें कैंसर जैसी बीमारी के मरीज का ऑपरेशन करने के बाद आने वाली विकृति को ठीक करने के लिए पहले की तरह हू-ब-हू दिखने वाले कृत्रिम अवयव लगाए जाएंगे। कैड-कैम सुविधा होगी, जो दांत में लगाए जाने वाली कैप एक दिन में बनाकर लगाई जा सकेगी। 

क्लास रूम की समस्या होगी हल
उल्लेखनीय है कि 1968 में शासकीय डेंटल कॉलेज तथा हॉस्पिटल की स्थापना हुई। उस समय बीडीएस प्रथम वर्ष के लिए 30 सीट प्रवेश क्षमता थी। सन् 2013 में बीडीएस की प्रवेश क्षमता बढ़ाकर 50 सीट कर दी गई। स्नातक प्रथम वर्ष के लिए 19 सीट प्रवेश क्षमता है। जिस समय इमारत का निर्माण किया गया, उस समय की प्रवेश क्षमता के हिसाब से क्लास रूम बनाए गए थे। प्रवेश क्षमता बढ़ने पर रूम छोटे पड़ने लगे। अपग्रेड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में शैक्षणिक विभाग स्थानांतरित किया जाएगा। वर्तमान प्रवेश क्षमता के हिसाब से नए क्लास रूम बनाए जा रहे हैं।  नई इमारत बनने पर क्लास में विद्यार्थियों के बैठने की हो रही अड़चन का समाधान होने का विश्वास अधिष्ठाता सिंधु गणवीर ने व्यक्त किया।

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