टीईटी में फेल होने वाले शिक्षकों को लेकर आदेश जारी करे शिक्षा विभाग-HC

टीईटी में फेल होने वाले शिक्षकों को लेकर आदेश जारी करे शिक्षा विभाग-HC

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-23 12:49 GMT
टीईटी में फेल होने वाले शिक्षकों को लेकर आदेश जारी करे शिक्षा विभाग-HC

 डिजिटल डेस्क,मुंबई। नियुक्ति के समय शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण होने की अनिवार्यता न होने के बावजूद अब टीईटी परीक्षा फेल होने पर नौकरी गंवानेवाले शिक्षकों को लेकर बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि पूरे राज्य भर में नियुक्ति के बाद टीईटी उत्तीर्ण न कर पाने के चलते शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जिसके चलते शिक्षक अदालत में आने को मजबूर हो रहे हैं। इसलिए स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव इस मामले में एक आम निर्देश जारी करे। 

न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ ने यह बात कल्याण स्थित छत्रपति शिक्षक मंडल द्वारा संचालित स्कूल में सहायक शिक्षक के रुप में कार्यरत गणेश सुतार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। सुतार को साल 2015 में स्कूल के प्राथमिक वर्ग में नियुक्त किया गया था। उस वक्त शिक्षक पद के लिए पात्रता 12 वीं पास व डीएड थी। तब टीईटी पास करने की अनिवार्यता नहीं थी। कानून द्वारा तय की गई जरुरी प्रक्रिया का पालन करने के बाद उनकी नियुक्ति की गई थी।

याचिका के मुताबिक प्राथमिक शिक्षा विभाग निदेशक के निर्देश पर याचिकाकर्ता को टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण न होने के आधार पर नौकरी से निकालने व उनका वेतन रोकने के संबंध में नोटिस जारी की गई है। यह नोटिस 24 दिसंबर व 31 दिसंबर 2019 को जारी की गई है। इसके साथ ही नोटिस में शिक्षकों के लिए टीईटी को अनिवार्य बताया गया है। याचिका में इस नोटिस को अवैध बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है।  

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य भर में नियुक्ति के समय टीईटी की अनिवार्यता न होने के बावजूद नौकरी से बर्खास्त किया जा रहा है। नागपुर हाईकोर्ट ने शिक्षकों की बर्खास्तगी की नोटिस पर रोक लगाई है। इसलिए मेरे मुवक्किल को भी राहत प्रदान की जाए। इन दलीलों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि राज्य भर में अलग-अलग हिस्सों में टीईटी को लेकर याचिका दायर की जा रही है। इसलिए स्कूली शिक्षा विभाग के सचिव इस मामले में आम निर्देश जारी करे। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 23 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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