खाद्य पदार्थों की जांच, मानकों में गड़चिरोली से पीछे नागपुर
खाद्य पदार्थों की जांच, मानकों में गड़चिरोली से पीछे नागपुर
डिजिटल डेस्क, नागपुर । खाद्य पदार्थों की गई जांच में नागपुर काफी पीछे है जबकि गड़चिरोली इसमें सबसे आगे है।खाद्य व औषधि विभाग द्वारा अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 में किए गए नमूनाें की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। मानकों पर खरा नहीं उतरने वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री में नागपुर जिला व शहर दोनों ही नागपुर विभाग में सबसे आगे हैं। खाद्य व औषधि विभाग द्वारा 10 महीने में नागपुर विभाग के नागपुर शहर, नागपुर ग्रामीण, भंडारा, वर्धा, चंद्रपुर तथा गड़चिरोली जिलों में विविध स्थानाें से खाद्य पदार्थों की 889 नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए। जांच रिपोर्ट में 123 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। इनका प्रमाण 13.83 प्रतिशत है। इसमें नागपुर शहर में सबसे अधिक 19.16 प्रतिशत नमूने हैं। वहीं नागपुर ग्रामीण में 16.04 प्रतिशत नमूने फेल हुए। गड़चिरोली जिले में 22 नमूनों की जांच की गई, इसमें मानकों पर सभी खरा उतरे।
वसूली जाती है पेनाल्टी
खाद्यान्न में मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य व औषधि विभाग की ओर से विविध खाद्य पदार्थ तथा औषधियों की बिक्री पर निगरानी रखी जाती है। संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे जाते हैं। इसमें दूध, मावा, मिठाइयां, तेल, बेकरी उत्पाद तथा अन्य खाद्य पदार्थों का समावेश है। समय-समय पर विभाग की ओर से दुकानों, गोदामों, फुटपाथ पर बेचे जाने वाले खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है। जांच में मिलावट पाए जाने पर विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई कर जुर्माना वसूल किया जाता है।
1 अप्रैल 2017 से 1 जनवरी 2018 तक विभाग की ओर से 889 नमूने लेकर जांच की गई। इसमें से 445 नमूने अप्रमाणिक पाए गए। 123 नमूने मानकों पर खरे नहीं उतरे। 42 नमूने खाने के लिए योग्य नहीं मिले। 37 मामलों का निपटारा कर 2 लाख 77 हजार रुपए जुर्माना वसूल किया गया है। 28 मामले न्यायप्रविष्ट हैं। न्यायालय से निपटारा किए गए मामलों में 5 लाख 4350 रुपए जुर्माने की रकम विभाग में जमा हुई है। दो मामले न्यायालय में दाखिल किए गए हैं।
नागपुर विभाग के आंकड़ों पर एक नजर
जिला नमूने मानकों पर खरे नहीं प्रतिशत
नागपुर शहर 245 47 19.16
नागपुर ग्रामीण 243 39 16.04
भंडारा 102 06 5.80
वर्धा 144 17 11.80
चंद्रपुर 133 14 10.82
गड़चिरोली 22 00 00
की जाती है कार्रवाई
खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए विभाग की ओर से नमूने लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे जाते हैं। जांच रिपोर्ट में मिलावट पाए जाने पर विक्रेताओं से जुर्माना वसूल कर मामलों का निपटारा किया जाता है। जुर्माना भरने के लिए तैयार नहीं रहने पर मामला न्यायालय में दाखिल किया जाता है।
- शशिकांत केकरे, सहसंचालक, अन्न व औषधि प्रशासन, नागपुर विभाग