राज्यसभा : उप-सभापति के लिए विपक्ष दे सकता है NCP सांसद वंदना चव्हाण का नाम

राज्यसभा : उप-सभापति के लिए विपक्ष दे सकता है NCP सांसद वंदना चव्हाण का नाम

Tejinder Singh
Update: 2018-08-06 15:09 GMT
राज्यसभा : उप-सभापति के लिए विपक्ष दे सकता है NCP सांसद वंदना चव्हाण का नाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राज्यसभा के उपसभापति पद का चुनाव 9 अगस्त को होगा। उपसभापति पद के चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक इस पद के लिए सत्तापक्ष की ओर से जदयू से पहली बार सांसद बने हरिवंश का नाम लगभग तय है, तो विपक्ष की ओर से NCP की वंदना चव्हाण, द्रमुक के तिरूचि शिवा और कांग्रेस के केटीएस तुलसी के नाम चर्चा में है।

मोदी सरकार ने संसद के बजट सत्र की शुरूआत विपक्ष की ओर से आए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार करके की थी तो अब राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के साथ सत्र को खत्म करने की उसकी तैयारी है। उपसभापति का चुनाव इसलिए दिलचस्प हो गया है, क्योंकि राज्यसभा में न तो सत्तापक्ष के पास इसके लिए बहुमत है और न ही विपक्ष के पास। लिहाजा इस चुनाव में अब तक दोनों खेमों से दूर दिख रहे बीजद की भूमिका बढ़ गई है।

उच्च सदन में मौजूदा गणित के हिसाब से उपसभापति पद पर जीत के लिए किसी भी पक्ष को 123 सांसदों का समर्थन चाहिए। सत्ताधारी राजग के खाते में अभी कुल 115 सांसद हैं तो कांग्रेस नेतृत्व वाले विपक्ष के पास 113 सांसद। ऐसे में यदि बीजद के 9 सांसद राजग के उम्मीदवार के साथ जाते हैं तो उसका जीतना तय है। इसी प्रकार यदि बीजद सांसद विपक्ष के साथ गए तो यह खेमा एक अतिरिक्त सदस्य का समर्थन हासिल कर सरकार को झटका दे सकता है।

विपक्ष की ओर से इस पद की दौड़ में वंदना चव्हाण सबसे आगे दिख रही हैं। सूत्र बताते हैं कि वंदना चव्हाण को संयुक्त उम्मीदवार कांग्रेस एक तरफ जहां अपनी सहयोगी NCP को खुश करना चाहती है तो वहीं उसे इस बात का भी भरोसा है कि NCP सुप्रीमों शरद पवार अपने सियासी रसूख का इस्तेमाल कर इस चुनाव में बीजद का समर्थन हासिल कर लेंगे। इसी प्रकार जदयू के हरिवंश सिंह को सरकार की ओर से संयुक्त उम्मीदवार बनाकर भाजपा राजग कुनबे को एक रखने की कोशिश में है।

चूंकि जदयू अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बीजद अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से अच्छे रिश्ते हैं। लिहाजा हरिवंश को बीजद का समर्थन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। जानकार बताते हैं कि सरकार ने बीजद से समर्थन मिलने का आश्वासन मिलने के बाद ही उपसभापति पद के चुनाव की घोषणा कराई है। 

Similar News