देवास, MP : बोरवेल में गिरे 4 साल के मासूम को बचाया, अस्पताल में भर्ती

देवास, MP : बोरवेल में गिरे 4 साल के मासूम को बचाया, अस्पताल में भर्ती

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-11 05:58 GMT
देवास, MP : बोरवेल में गिरे 4 साल के मासूम को बचाया, अस्पताल में भर्ती

डिजिटल डेस्क, देवास। मध्य प्रदेश के देवास में शनिवार को एक चार साल का बच्चा 40 फुट गहरे बोरवेल में जा गिरा। घटना खातेगांव के पास उमरिया गांव की है। घटना की जानकारी मिलते ही बच्चे को बचाए जाने के लिए प्रयास करते हुए बच्चे को निकाल लिया गया है। 4 वर्षीय इस मासूम बच्चे को खातेगांव के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।

बताया जा रहा है कि बच्चा जब उस बोरवेल में गिरा तो वो 27 फुट पर जाकर फंस गया था। बचाव दल ने बच्चे को नली के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई थी। जिला प्रशासन की रेस्क्यू टीम ने बच्चे को बाहर निकालने के लिए काफी संघर्ष किया। बताया गया है कि बच्चे निकालने के दौरान रेस्क्यू टीम को पत्थर बीच में आने की वजह से काफी परेशानियों और रुकावटों का सामना करना पड़ा।

बता दें कि तीन पोकनेल मशीन और एक जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। बच्चे तक पहुंचने के लिए हर बार की तरह एक अलग सुरंग बनाई गई थी। राज्य की आपदा मोचलन टीम (एसडीईआरएफ) और सेना की टीम भी मौके पर पहुंच गई थी। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान नली के माध्यम से बच्चे को दूध, जूस और पानी दिया गया था। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत ना हो इसके लिए तत्काल मेडिकल टीम भी बुलाई गई थी। नली के माध्यम से बच्चे तक ऑक्सीजन पहुंचाई गई। 

जानकारी के अनुसार कांजीपुरा के रहने वाले भीम सिंह कोरकू की पत्नी रेखा अपने तीन बच्चों रोशन, नैतिक और चेतन के साथ उमरिया आई थी। बच्चों को खेलता छोड़कर वह खेत पर काम करने लगी। इस दौरान बच्चे खेलते हुए पड़ोस में हीरालाल के खेत में पहुंच गए, जहां 40 फीट गहरा बोरवेल खुदा पड़ा था। जिसमें खेलते वक्त चार वर्षीय रोशन जा गिरा।

गौरतलब है कि लापरवाही से छोड़े गए बोरवेल के गड्ढों में बच्चों के गिरने के कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें ज्यादातर मामलों में बच्चों को बचाया नहीं जा सका है। यह बोरवेल जिस खेत में बना है वह खेत ईशवरसिंह नामक व्यक्ति का है। 15-20 दिन पहले ही बोरवेल के लिए खुदाई की गई थी। इसकी गहराई 40 फीट है और पानी नहीं आने से उसे छोड़ दिया गया था। इधर, एसडीएम जीवन सिंह रजक ने बताया कि बोरवेल को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है कि कब हुआ। अनुमति ली थी या नहीं, इसकी जांच की जाएगी।

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