हवा में बढ़े प्रदूषण के चलते सांस लेने में तकलीफ

स्वास्थ्य पर मंडरा रहा खतरा  हवा में बढ़े प्रदूषण के चलते सांस लेने में तकलीफ

Anita Peddulwar
Update: 2021-11-17 06:57 GMT
 हवा में बढ़े प्रदूषण के चलते सांस लेने में तकलीफ

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   विश्व सीओपीडी दिवस हर साल नवंबर के तीसरे बुधवार को मनाया जाता है। हवा में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण जहरीले तत्व हमारे फेफड़ों और श्वास प्रणाली को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिस वजह से लोगों में सीओपीडी के मामलों में इजाफा हो रहा है। छाती रोग विशेषज्ञ डॉ. विक्रम राठी ने बताया कि सीओपीडी होने पर मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। यह समस्या अचानक परेशान नहीं करती, बल्कि शरीर में धीरे-धीरे पनपती रहती है। ऐसे में मरीज को यह बीमारी कब हुई, इसका पता लगा पाना कठिन है। इसके लक्षण को समझने में भी काफी समय लग जाता है। आमतौर पर इसके लक्षण समय के साथ गंभीर होते चले जाते हैं और मरीज के दैनिक कार्यों को प्रभावित करने लगते हैं।       

धूम्रपान, प्रदूषण है बड़ा कारण
डॉ. राठी ने बताया कि सीओपीडी रोग का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान व प्रदूषण है। वहीं, जिन गांव-घरों में आज भी चूल्हे पर खाना पकता है, वहां की ज्यादातर महिलाएं सीओपीडी की शिकार हैं। सीओपीडी के लक्षण 35 साल की उम्र के बाद ही नजर आते हैं। इसकी इलाज प्रक्रिया लंबी है। सीओपीडी के प्रमुख लक्षणों में खांसी, जुकाम व फ्लू, सांस लेने में दिक्कत, सीने में जकड़न, पैरों में सूजन, वजन घटना, स्मरण शक्ति, क्षति, तनाव, सांस प्रणाली में संक्रमण, हृदय की समस्याएं, फेफड़ों का कैंसर आदि का समावेश है। प्रदूषण बढ़ने के चलते मेट्रो सिटी में जो व्यक्ति धूम्रपान नहीं करते हैं, वह भी हर रोज 10 सिगरेट के बराबर धुआं अपने अंदर ले रहे हैं। ऐसे लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक होना पड़ेगा। अपने स्वास्थ्यचर्या टीम की मदद से इस पर रोक लगाई जा सकती है।
 

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